Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 18
________________ 4. न्ति – हेत्था - मोमुमा बहुषु 7/4 न्ति-हेत्था-मोमुमा बहुषु { (न्ति) - (ह) + (इत्था) - (मो) - (मु) - (माः) + (बहुषु)} { (न्ति) - (ह) - (इत्था) - (मो) - (मु) - (म) 1/3 } बहुषु (बहु) 7/3 (वर्तमानकाल के अन्यपुरुष, मध्यमपुरुष, उत्तमपुरुष के) बहुवचन में (क्रमशः) 'न्ति', 'ह और इत्था', 'मो, मु और म' (होते हैं)। वर्तमानकाल के अन्यपुरुष बहुवचन में 'न्ति', मध्यमपुरुष बहुवचन में 'ह, इत्था' तथा उत्तमपुरुष बहुवचन में 'मो, मु, म' होते हैं। हस (वर्तमानकाल) (हस + न्ति) = हसन्ति (अन्यपुरुष, बहुवचन) (हस + ह, इत्था) = हसह, हसित्था (मध्यमपुरुष, बहुवचन) (हस + मो, मु, म) = हसमो, हसमु, हसम (उत्तमपुरुष, बहुवचन) अत ए से 7/5 . अत ए से { (अतः) + (ए) } से अतः (अत्) 5/1 ए (ए) 1/1 से (से) 1/1 अकारान्त से परे (ही) 'ए' और 'से' (होते हैं)। वर्तमानकाल में अकारान्त क्रियाओं से परे ही ए (अन्यपुरुष, एकवचन का प्रत्यय) और से (मध्यमपुरुष, एकवचन का प्रत्यय) होते हैं। आकारान्त, ओकारान्त आदि से परे 'ए' और 'से' प्रत्यय नहीं लगते। (हस + ए) = हसए (वर्तमानकाल, अन्यपुरुष, एकवचन) (हस + से) = हससे (वर्तमानकाल, मध्यमपुरुष, एकवचन) - किन्तु (ठा + ए) = ठाए नहीं बनेगा। (ठा + से) = ठासे नहीं बनेगा। 5. वररुचि-प्राकृतप्रकाश (भाग - 2) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62