Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 28
________________ 22. नाकाच: 7/22 23. एकवचन उत्तम पुरुष होज्जमु, होज्जामु मध्यम पुरुष होज्जसु, होज्जासु अन्य पुरुष होज्जउ, होज्जाउ नानेकाचः { (न) + (अनेक ) + (अचः ) } न = नहीं { (अनेक) - (अच्) 6/1 } अनेक अच्वाली (धातुओं) के (मध्य में ज्ज, ज्जा प्रत्यय) नहीं ( लगते ) । वर्तमानकाल, भविष्यत्काल और विधि आदि में अनेक अच् अर्थात् अनेक स्वरवाली धातुओं के मध्य में ज्ज, ज्जा प्रत्यय नहीं लगते। अर्थात् ज्ज और ज्जा प्रत्यय आकारान्त और ओकारान्त क्रिया व पुरुषबोधक प्रत्ययों के बीच में लगेंगे। देखें उक्त रूपावली। ईअ भूते 7/23 अ (ईअ) 1/1 भूते (भूत) 7/1 भूतकाल में 'अ' (प्रत्यय होता है)। भूतकाल में तीनों पुरुषों व दोनों वचनों में (अनेक अच् अर्थात् अनेक स्वरवाली धातु के प्रत्यय के स्थान पर) 'ईअ' प्रत्यय होता है। हस (भूतकाल ) एकवचन उत्तम पुरुष हसीअ मध्यम पुरुष हसीअ अन्य पुरुष हसीअ हो ( विधि आदि) वररुचि- प्राकृतप्रकाश (भाग Jain Education International बहुवचन होज्जमो, होज्जामो होज्जह, होज्जाह होज्जन्तु, होज्जान्तु - 2) बहुवचन हसीअ हसीअ हसीअ For Personal & Private Use Only 19 www.jainelibrary.org

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