Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 26
________________ - हस (वर्तमानकाल)* एकवचन बहुवचन उत्तम पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा मध्यम पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा अन्य पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हस (भविष्यत्काल)* एकवचन बहुवचन उत्तम पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा मध्यम पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा अन्य पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा हस (विधि आदि)* एकवचन बहवचन उत्तम पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा मध्यम पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा अन्य पुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा * सूत्र 7/34 से अकारान्त क्रिया 'हस' के अन्त्य अ का ए हुआ है। 21.. मध्ये च 7/21 मध्ये (मध्य) 7/1 च = और और मध्य में (भी लगते हैं)। . वर्तमानकाल, भविष्यत्काल और विधि आदि में मध्य में अर्थात् क्रिया एवं पुरुषबोधक प्रत्यय के मध्य में भी विकल्प से 'ज्ज', 'ज्जा' प्रत्यय लगते हैं। वररुचि-प्राकृतप्रकाश (भाग - 2) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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