Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 43
________________ एत् + आवे = एदावे (सूत्र - 7/29) भविष्यत् + अनद्यतनयोः = भविष्यदनद्यतनयोः (सूत्र - 7/20) 5. यदि त् के आगे च् हो तो पूर्ववाला त् भी च् हो जाता है - इत् + च = इच्च (सूत्र - 7/31) 6. पदान्त म् के आगे कोई व्यंजन हो तो म् का अनुस्वार हो जाता है - रूपाणाम् + काहं = रूपाणां काहं (7/16). . आदीनाम् + त्रिषु = आदीनां त्रिषु (7/17). . विसर्ग सन्धि 7. यदि विसर्ग से पहले अ या आ के अतिरिक्त इ, ए, ओ आदि स्वर हों और विसर्ग के बाद अ आदि स्वर अथवा म्, ल् आदि व्यंजन हों तो विसर्ग का र हो जाता है ह्र तिपोः + इत् = तिपोरित् (सूत्र - 7/1), मिपोः + मिः = मिर्पोमिः (सूत्र - 7/3) अस्तेः + लोपः = अस्तेर्लोपः (सूत्र - 7/6) आदेः + अत = आदेरत (सूत्र - 7/26) 8. यदि विसर्ग से पहले अ या आ और बाद में कोई स्वर अथवा ङ्, म् आदि हों तो विसर्ग का लोप हो जाता है ह्र मोमुमाः + बहुषु = मोमुमा बहुषु (सूत्र - 7/4) अतः + ए = अत ए (सूत्र - 7/5) यकः + ईअ = यक ईअ (सूत्र - 7/8) एकाचोः + हीअ = एकाचो हीअ (सूत्र - 7/24) णिचः + एत् = णिच एत् (सूत्र - 7/26) 34 वररुचि-प्राकृतप्रकाश (भाग - 2) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62