Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 42
________________ परिशिष्ट-1 सूत्रों में प्रयुक्त सन्धि - नियम स्वर सन्धि 1. यदि इ, ई, उ, ऊ के बाद भिन्न स्वर अ, आ, ए आदि आवे तो इ, ई के स्थान पर य और उ, ऊ के स्थान पर व् हो जाता है ह्र श्रु + आदीनां = थ्रवादीनां (सूत्र - 7/17) त्रिषु + अनुस्वार = त्रिष्वनुस्वार (सूत्र - 7/17) विधि + आदिषु = विध्यादिषु (सूत्र - 7/18) 2. यदि अ, आ के बाद में ए आवे तो दोनों के स्थान पर ऐ जाता है - न + एदावे = नैदावे (सूत्र - 7/29) 3. यदि अ, आ के बाद अ या आ आवे तो उसके स्थान पर आ हो जाता है - न + अन्त्य = नान्त्य (सूत्र - 7/9) न + अनेक = नानेक (सूत्र - 7/22) एक + अचो = एकाचो (सूत्र - 7/24) ल + आदेशे = लादेशे (सूत्र - 7/34) व्यंजन सन्धि 4. यदि त् के आगे अ, आ आदि स्वर तथा द्, व्, भ् आदि आवे तो त् के स्थान पर न जाता है त - इत् + एतौ = इदेतौ (सूत्र - 7/1) एत् + आदेः = एदादेः (सूत्र - 7/26) वररुचि-प्राकृतप्रकाश (भाग - 2) 33 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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