Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 32
________________ 32. वर्तमानकाल में अकारान्त धातुओं से परे उत्तमपुरुष बहुवचन होने पर विकल्प से अन्त्य अ का इत्→'ई' और 'आ' होते हैं। वर्तमानकाल (हस + मो) = हसमो, हसामो, हसिमो (उत्तमपुरुष, बहुवचन) (हस + मु) = हसमु, हसामु, हसिमु (उत्तमपुरुष, बहुवचन) (हस + म) = हसम, हसाम, हसिम (उत्तमपुरुष, बहुवचन) ते 7/32 क्ते (क्त) 7/1 क्त →त→अ परे होने पर ('इ' होता है)। अकारान्त धातुओं से परे क्त (भूतकालिक कृदन्त का प्रत्यय) होने पर अन्त्य 'अ' का 'ई' हो जाता है। (हस + अ) = हसिअ (भूतकालिक कृदन्त) 33. ए च क्त्वातुमुन्तव्यभविष्यत्सु 7/33 ए (ए) 1/1 च = और { (क्त्वा)-(तुमुन्)-(तव्य)-(भविष्यत्) 7/3)} क्त्वा → ऊण (संबंधक कृदन्त का प्रत्यय), तुमुन् → उं (हेत्वर्थक कृदन्त का प्रत्यय), तव्य → अव्व (विधि कृदन्त का प्रत्यय) और भविष्यत्काल बोधक प्रत्यय परे होने पर अकारान्त धातुओं के अन्तिम 'अ' के स्थान पर 'ए' और 'इ' होते हैं। (हस + ऊण) . = हसिऊण/हसेऊण (संबंधक कृदन्त) (हस + तुमुन्-उं) = हसिउं/हसेउं (हेत्वर्थक कृदन्त) - (हस + तव्य-अव्व) = हसिअव्व/हसेअव्व (विधि कृदन्त) . . हस (भविष्यत्काल) एकवचन बहवचन उत्तम पुरुष हसिहिमि, हसेहिमि हसिहिमो, हसेहिमो, हसिहिमु, हसिस्सामि, हसेस्सामि हसेहिमु, हसिहिम, हसेहिम, ... हसिहामि, हसेहामि हसिस्सामो, हसेस्सामो, हसिस्सामु, वररुचि-प्राकृतप्रकाश (भाग - 2) 23 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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