Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 25
________________ 19. .. विधि एवं आज्ञा (हस + उ) = हसउ (अन्य पुरुष, एकवचन) (हस + सु) = हससु (मध्यम पुरुष, एकवचन) (हस + मु) = हसमु (उत्तम पुरुष, एकवचन) न्तु ह मो बहुषु 7/19 न्तु (न्तु) 1/1 ह (ह) 1/1 मो (मो) 1/1 बहुषु (बहु) 7/3 बहुवचन में 'न्तु', 'ह', 'मो' (होते हैं)। विधि आदि अर्थ में (तीनों पुरुषों - अन्य पुरुष, मध्यम पुरुष व उत्तम पुरुष के) बहुवचन में क्रमशः 'न्तु', 'ह', 'मो' होते हैं। विधि एवं आज्ञा . (हस + न्तु) = हसन्तु (अन्य पुरुष, बहुवचन) (हस + ह) = हसह (मध्यम पुरुष, बहुवचन) (हस + मो) = हसमो (उत्तम पुरुष, बहुवचन) 20. वर्तमानभविष्यदनद्यतनयोश्च ज्ज ज्जा वा 7/20 {(वर्तमान) + (भविष्यत्) + (अनद्यतनयोः) + (च) } ज्ज ज्जा वा { (वर्तमान) - (भविष्यत्) - (अनद्यतन) 7/2) } च = और ज्ज (ज्ज) 1/1 ज्जा (ज्जा) 1/1 वा = विकल्प से वर्तमान, अनद्यतन भविष्यत्काल (भविष्यत्काल) और (विधि आदि) में विकल्प से 'ज्ज', 'ज्जा' (होते हैं)। वर्तमान, अनद्यतन भविष्यत्काल (भविष्यत्काल) और विधि आदि में तीनों पुरुषों व दोनों वचनों के प्रत्यय के स्थान पर विकल्प से 'ज्ज', 'ज्जा' होते हैं। 16 वररुचि-प्राकृतप्रकाश (भाग - 2) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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