Book Title: Tulsi Prajna 2008 07
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 74
________________ संदर्भ स्थल :1. पद्मनंदि पंचविंशतिका, आ. पद्मनंदि, हिन्दी टीका - पं. गजाधरलाल न्यायतीर्थ, प्रकाशक कुन्दकुन्द दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंडल, नागपुर - 1996 गा. - 403, पृ. 157 2. राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रंथ सूची, भाग 2, कस्तूरचंद कासलीवाल, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्रीमहावीरजी, 1954 3. Kastoorchand Kasliwal, Jain Granth Bhandars in Rajasthan, Vol.-1, Shri Dig. Jain Atishaya Kshetra, Shri- Mahavirji, 1967 4. श्रावक प्रतिक्रमण पाठ (संस्कृत) 5. गोम्मटसार जीवकाण्ड, पूर्वपीठिका, पृ. - 53 __ अनुपम जैन, जैन गणितीय साहित्य, अर्हत् वचन (इंदौर), 1 (1) सितम्बर 1988 7. परियम्मसुत्तं (परिकर्म सूत्र) वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। 8. सिद्धभूपद्धति टीका वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। 9. वृहद्धारा परिकर्म वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। 10. विस्तृत विवरण हेतु देखें, अनुपम जैन, जैन गणीतीय साहित्य, अर्हत् वचन (इंदौर), 1 (1) सितम्बर 1988 11. अनुपम जैन, हेमराज व्यक्त्तिव एवं कृतित्व, अर्हत् वचन (इंदौर), 1(2), 1988 पृष्ठ 53-64 12. मूकमाटी, आचार्य विद्यासागरजी, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, 1998, पृष्ठ 166 13. ये सभी ग्रन्थ वीर ज्ञानोदय ग्रंथमाला, दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिानपुर 250404 मेरठ से प्रकाशित हैं। 14. स्व. अगरचन्द नाहटा, पत्र दिनांक 10.03.1982 15. लेखक को अद्यावधि इस नाम के किसी जैन कवि का संदर्भ नहीं प्राप्त हो सका है किन्तु नाहटा द्वारा जैन गणितीय ग्रंथों की सूची में सम्मिलित करने से ऐसा प्रतीत होता है कि ये जैन कवि होंगे। 16. स्व. अगरचंद नाहटा, पत्र दिनांक - 10.03.1982 17. See an alphabetical list of Jaina texts belonging to the government Oriental Manuscripts Library of the Asiatic Society of Bengal prepared by Pandita Kunja Bihari Nyayabhusana, Kolkata,1908, also Ref: 15, p-74 18. जिन रत्नकोश, भंडारकर ओरियंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना, पृ-98 19. वही 68 - तुलसी प्रज्ञा अंक 140 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100