Book Title: Tulsi Prajna 1996 07 Author(s): Parmeshwar Solanki Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 4
________________ अनुक्रमणिका/Contents ८९-९० ९१-९६ ९७-१०० १०१--११० १११-११६ ११७-१२० १. जैन तंत्र साहित्य अशोक 'सहजानन्द २. जैन धर्म एवं पर्यावरण सुरेश जैन ३. अनेकान्तवाद की सार्वभौमिकता सुभाषचन्द्र सचदेवा ४. वैदिक साहित्य में तत्त्व विचार राजवीरसिंह शेखावत ५. 'आयारो' में हिंसा-अहिंसा विवेक' सुरेन्द्र वर्मा ६. वनस्पतियों में जीवेन्द्रिय संज्ञान मुनि श्रीचंद 'कमल' ७. कविराज राजशेखर रचित 'कर्पूर मंजरी' रामवीप राय ८. साहित्य लहरी के दो पद उपेन्द्रनाथ राय ९. 'कर्पूरमंजरी' का सौन्दर्य निकष समणी प्रसन्न प्रज्ञा १०. 'रत्नावली' में अलंकार-सौन्दर्य लज्जा पंत ११. 'आषाढ का एक दिन' का कालिदास जयश्री रावल १२. साहित्य सत्कार एवं पुस्तक-समीक्षा प्रकीर्णकम् १२१--१२६ १२७-१३६ १३७-१४४ १४५-१५४ १५९-१६६ ०१-०८ १३. योगविंशिका (आचार्य हरिभद्र) ___ मुनि दुलहराज १४. रोडेराव की 'राउरवेल' का मूलपाठ परमेश्वर सोलंकी ०९-२० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 204