Book Title: Tulsi Prajna 1990 06 Author(s): Nathmal Tatia Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 4
________________ खण्ड १६ जून, १९९० अंक १ अनुक्रमणिका १. मुनि किशनलाल : आगमों की प्रामाणिक संख्या : जयाचार्यकृत विवचन २. साध्वी योगक्षेम प्रभा : प्रामाण्यवाद ३. समणी मल्लिप्रज्ञा : अपरिग्रह-दर्शन ४. डॉ० मंगल प्रकाश मेहता : हिन्दी जैन काव्य का साधनात्मक स्वरूप । ५. डॉ० परमेश्वर.सोलंकी : सुमतितंत्र का शकराजा और उसको कालमान ६. समणी कुसुमप्रज्ञा : काल : एक अनुचिन्तन ७. गोपाल शर्मा : कालिदास के नाटकों में लोक-विश्वास . ८. समणी मंगलप्रज्ञा : मतिज्ञान एवं श्रुतज्ञान की भेदरेखा ६. डॉ० अनिल कुमार जैन : परमाणु के मूलभूत गुण 10. Muni Mahendra Kumar : Scientific Concept of Space and Time is 11. Jagat Ram Bhattacharyya : Some Problems of Mägaðhi Dialect - वार्षिक मूल्य : रु० ३५.०० .... . इस अङ्क का मूल्य : रु० २०.०० नोट--यह आवश्यक नहीं है कि इस अंक में प्रकाशित लेखों में उल्लिखित विचार सम्पादक अथवा संस्था को मान्य हों। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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