Book Title: Tiloypannatti Part 1
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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तिलोयपण्णत्ती
अस्सत्थ-सत्तपण्णा संमलि-जंबू य वेदस- कडबा | 'तह पीयंपू सिरसा पलास - रायद्दुमा कमसो ॥१३७॥
[ गाथा : १३७
पर्य :- असुरकुमार आदि कुलोंकी प्रोलगशालानोंके श्रागे क्रमशः विविध प्रकारके रत्नोंसे निर्मित अश्वत्थ, सप्तपर्ण, शाल्मलि, जामुन, वेतस, कदम्ब, प्रियंगु, शिरीष, पलास और राजद्रुम ये दस चैत्यवृक्ष उनके चिह्न स्वरूप होते हैं ।। १३६-१३७ ।।
[ भवनवासीदेवोंके आहार एवं श्वासोच्छ्वासका अन्तराल तथा चैत्य वृक्षादिका विवरण चित्र पृष्ठ ३०५ में देखिये |
१. ब. क. ज. ठ. तय