Book Title: Syadvad Manjari
Author(s): Hemchandracharya, Mallishensuri, Hiralal Hansraj
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 6
________________ अंक. विषय. २२ मुक्तिनुं स्वरूप .... .... .... .... .... १०० २३ आत्माना व्यापकपणा, खंमन .... १०० २४ आत्माना शरीरप्रमाणन मंमन .... २५ अदपादना मतनुं खंमन .... .... १५३ २६ बल, जाति अने निग्रहस्थानोनुं अस्वीकारवापणुं १२५. २७ अपादना सोल पदार्थोनुं स्वरूप .... .... .... १२ ५० बार प्रकारना प्रमेयोनुं खमन.... .... .... २ए बल, जाति अने निग्रहस्थानोनुं विस्तारथी स्वरूप १३२ ३० जैमनीयना मतनुं खंकन .... .... .... .... १३० ३१ वेदोक्तहिंसा वर्णन .... .... ..... .... १३५ ३२ वेदोक्तहिंसा पण अनर्थ करनारी .... .... .... १४० ३३ जिनालयादिक बंधाववामां थती हिंसानो खुलासो.... १४३ ३४ वेदोक्तविधिवमे करेला संस्कारादिकनुं विषमपणुं १४न ३५ हिंसामाटे उत्सर्ग अपवादनुं स्वरूप .... १६३ ३६ नित्यपरोक्शानवादीनुं खंमन .... १६६ ३४ वेदांतमतनुं खंमन .... .... .... १७७ ३७ अईतवाद- अतात्विकपणुं .... .... ३ए 'पुरुष एवेदं ' इत्यादि वेदवाक्यनो अर्थ ४० नियत वाच्यवाचकनावनुं खंरुन १ए३ ४१ एकांतसामान्यवाद .... .... ४२ एकांतविशेषवाद .... .... १एन ४३ स्वतंत्र सामान्य विशेषवाद २०० धध सामान्य विशेषोनयात्मकवाद .... ४५ शब्दनुपौनिकपणुं .... .... २०० १७७ १५ २०२

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