Book Title: Suktaratnavali Author(s): Sensuri, Sagarmal Jain Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur View full book textPage 4
________________ 2 / सूक्तरत्नावली ग्रन्थनाम ग्रन्थकर्ता : श्री विजयसेनसूरीश्वरजी म.सा. ग्रन्थनाम : सूक्तरत्नावली सहनन्दनमुनिकृत आलोचना दिव्य कृपा : विश्वपूज्य श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. मंगलमय आशीर्वाद : आचार्य प्रवर श्रीमद्विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. दिव्य आशीष : समत्व साधिका परम पूज्यामहाप्रभाश्रीजी म.सा. सम्प्रेरक : पूज्या साध्वी डॉ. प्रीतिदर्शना श्रीजी अनुवादक : साध्वी श्री रुचिदर्शनाश्रीजी सम्पादक प्रकाशक : डॉ. सागरमल जैन : प्राच्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड, शाजापुर (म.प्र.) : 1) श्री त्रिस्तुतिक जैन श्री संघ, नयापुरा, उज्जैन (म.प्र.) सुकृत सहयोगी 2) शा. माँगीलालजी एवं समस्त रतनपुरा बोहरा परिवार बेटा पोता - शा. पेराजमलजी प्रतापजी मोदरा (राज.) हालमुकाम-गुन्टूर (आ.प्र.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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