Book Title: Sukhi Hone ka Upay Part 4 Author(s): Nemichand Patni Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur View full book textPage 4
________________ क्रमांक विषय १. २. 3. ४. ५. ६. ७. ८. १०. ११. १२. १३. १४. १५. १६. १७. १८. १९. २०. २१. २२. विषय सूची दो शब्द अपनी बात सार संक्षेप प्रारम्भिक द्रव्य की परिभाषा तत्त्व की परिभाषा विषय सूची देशनालब्धि सम्यक्त्वसन्मुख जीव की पात्रता ज्ञानस्वभावी आत्मा को खोजने की पद्धति आगम ज्ञान की महत्ता क्रमशः दो पद्धतियों द्वारा ज्ञानस्वभावी आत्मा का निर्णय के अवलम्बन से ज्ञानस्वभावी आत्मा का निर्णय द्रव्यश्रुत “उपयोगोलक्षणं" अपनी आत्मा को कहाँ खोजना चाहिये ? अपने द्रव्य में भी स्वतत्त्व की खोज जीवद्रव्य एवं जीवतत्त्व का अन्तर समझना जीवतत्त्व को खोजने के लिये सात तत्त्वों की समझ आवश्यक सात तत्त्वों को यथार्थ समझने की विधि यथार्थ निर्णय करने में नयादि का ज्ञान आवश्यक क्यों ? प्रमाणनयैरधिगमः जीवतत्त्व का स्वरूप भेदज्ञान का आधार जीवतत्त्व चेतना जीवतत्त्व का यथार्थ लक्षण जीवतत्त्व से अतिरिक्त छहतत्त्वों के संबंध में Jain Education International पृष्ठ संख्या For Private & Personal Use Only mg va a १२ १९ 2 x 2 2 2 o a २१ २४ २५ २७ २९ ३० MY ३१ ३२ ३४ m m ३४ ३४ ३८ ३९ ४० ४१ ४४ ४८ ५० ५६ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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