Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 4
________________ विद्याभ्यास, योग्यातासे घरका सब काम काज करना. जैसे सीना, व्यंजन बनाना, सबसे यथोचित वर्ताव करना लिखेंगे, और स्त्री प्रबोधिनी अथवा स्त्री सुखबोधिनी जिसमें स्त्रियोंके उपकार निमित्त पूर्ण रीतिसे उपदेश लिखेंगे. __ निश्चय है कि उपरोक्त पुस्तकोंसे सबको अतिलाभ होगा क्योंकि शिक्षाका प्रभाव जब मनुष्यके हृदयमें भासित होजाता हैं, तभी बुद्धिकी वृद्धि होती है, और बुद्धिकी वृद्धी होनेसे मनुष्यकी दशा सुधर जाती है, जिसके सुधरनेसे अनेक लाभ होनेसे सुख प्राप्त होता है. ___इस पुस्तकका सर्वाधिकार पं. हरिप्रसाद भगीरथजी पुस्तकालय अध्यक्ष पं. व्रजवल्लभजीको दिया है. किमधिकमित्यलम्चैत्रकृष्णशुक्र- जगद्धितेक्षु-. वारसम्वत् 1960 पंडित नारयणप्रसाद सीतारामजी RP.AC. Ginratnasuri M:S. Jun Gun Aaradhak Trust

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