Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 3
________________ इ भूमिका. प्रगट होकि अति कालसे हमारा विचार था कि कोई ऐसी पुस्तक लिखी जाय, जिसको पढकर स्त्रियोंको दशा सुधरै और भलीमांति ज्ञात हो जावै कि पूर्व समय इस भारतवर्षमें कैसी कैसी पतिव्रता और वीर स्त्रिया उत्पन्न हो चुकी हैं, जिनके धर्म, कर्म और वीरत्वको सुनकर बड़े बड़े बुद्धिवान् मनुष्य चकित होजाते हैं, इस कारण यह पुस्तक मनुष्यको ध्यानपूर्वक देखना चाहिये,भारतवर्षमें विशेषकर इस मध्यदेशमें प्रायः स्त्रियोंका पढना पढाना लुप्त होगया हैं, दश पांच स्त्रियां पढीभी है, तो उनको कोई ऐसी पुस्तक नहीं मिलती, जिसको पढकर वे अपनी दशापर ध्यान धेरै कि पूर्वसमयमें हमारी क्या दशा थी, और अब क्या है ? . . * इस अभावको दूर करनेके निमित्त हमने अतिपरिश्रमसे खोजकर यह पुस्तक लिखी हैं, यदि इस पुस्तकसे स्त्रियों का कुछभी उपकार होगा, तो हम अबकी वार कन्या सुबोधिनी जिसमें कन्याओंके सुधार निमित्त शिक्षा, .P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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