Book Title: Sramana 2016 01
Author(s): Shreeprakash Pandey, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ सम्पादकीय श्री नृपराज जी जैन का महाप्रयाण पार्श्वनाथ विद्यापीठ के पूर्व अध्यक्ष (ई.१९९६-२००१) श्री नृपराजजी जैन नहीं रहे। उनका दिनांक १४ अक्टूबर २०१५ को एक संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। श्री नृपराजजी स्व. श्री रतनचन्द जी के प्रपौत्र और मुम्बई के पूर्व मेयर सुप्रसिद्ध समाजसेवी स्व. श्री लाला शादीलालजी जैन के ज्येष्ठ सुपुत्र थे। आप लाला शादीलालजी द्वारा स्थापित 'लायन पेन्सिल्स' और 'चेटन्स' जैसी औद्योगिक कम्पनियों के प्रबन्धक रहे। साथ ही आप ऑल इण्डिया मैनुफैक्चरर्स एसोसिएसन के अध्यक्ष भी रहे। श्री नृपराजजी जैन अपने आप में एक संस्था थे। स्वभाव से अत्यन्त मिलनसार श्री नृपराजजी जैन एक सफल उद्योगपति तथा समाजसेवी थे। उनका व्यक्तित्व अत्यन्त सादगी और विलक्षणता से भरा था। उनमें गहराई थी एक उद्यमी की, सादगी थी एक नि:स्वार्थ समाजसेवी की, तथा शालीनता और संस्कार थे एक धर्मनिष्ठ; उत्साही और कर्तव्यपरायण व्यक्ति के। आप तन, मन, धन से पार्श्वनाथ विद्यापीठ के उत्तरोत्तर विकास हेतु सदा प्रयत्नशील रहे। जैन समाज तथा साधु-समाज में आपकी गहरी पैठ होने के कारण आपके माध्यम से पार्श्वनाथ विद्यापीठ को विपुल दान प्राप्त हुये और संस्था का चहुंओर विकास हुआ। आप स्थानकवासी जैन कान्फरेन्स के वर्षों तक उपाध्यक्ष रहे साथ ही जैनों की अखिल भारतीय संस्था भारत जैन महामंडल के भी उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष रहे। श्री नृपराजजी जैन जीवन के अन्तिम क्षण तक इस संस्था के विकास हेतु समर्पित रहे। उनका अचानक हम सबके बीच से चले जाना एक ऐसी अपूरणीय क्षति है जिसको कभी भी भरा नहीं जा सकता। आपके रूप में पार्श्वनाथ विद्यापीठ ने अपना एक सच्चा साथी और प्रेरक खो दिया है। आज विद्यापीठ का कुशल नेतृत्व श्री रोमेश चन्द्र बरार, श्री इन्द्रभूति बरड़ तथा श्री सुदेव बरार के योग्य, कर्मठ और सबल हाथों में है किन्तु श्री नृपराजजी जैन की कमी हमेशा खलेगी। आपकी यादें सदा हमें सन्मार्ग पर अग्रसर होने के लिये प्रेरित करती रहेंगी। डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 114