Book Title: Sramana 1996 10
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
View full book text
________________
६२ :
श्रमण/अक्टूबर-दिसम्बर / १९९६
१२०४ - दुग्ग भवकंतारे ० गाहा ।। १२०५ - इणमोसुगतिगतिपहो ० गाहा ।
१२०६ - जाहे य पावियव्वं ० गाहा । ।
१२१७
भट्टेण चरित्ताओ • गाहा ।।
१२२३
जं अन्नाणी कम्मं ० गाहा ।।
१२२६ - असरीरा जीवधणा • गाहा ।। १२२८ - निम्मलदगरयवन्ना • गाहा ।। १२३० - पणयालीसं आयाम ० गाहा ।। १२३१ - एगा जोयणकोडी ० गाहा ।। १२३६ - कहिं पडिहया सिद्धा • गाहा ।। १२३७ - अलोच पडिहयासिद्धा • गाहा।। १२३९ - जं संठाणं तु इहं ० गाहा ।। १२४२ - चत्तारि च रमणीओ ० गाहा ।। १२४४ - जत्थ य एगो सिद्धो ० गाहा ।।
१२४५ - फुसइ अणंते सिद्धे० गाहा ।। १२४६ - केवलनाणुवउत्ता • गाहा ।। १२४७ - न वि अत्थि माणुसाण० गाहा ।।
१२४८ - सुरगणसुहं समत्तं • गाहा ।। १२४९ - सिद्धस्स सुहो रासी ० गाहा ।। १२५० - जहनाम कोई मेच्छो ० गाहा ।।
१२५२ - जह सव्वकामगुणितं ० गाहा ।।
प्रकीणेत्तर गाथाएँ
तित्थोगाली गाथा
४४८ -सपडिक्कमणो धम्मो ० गाहा ।। मूलाचार १/६२८
Jain Education International
-मरणविभक्ति ६३३ - मरणविभक्ति ६३०|
- मरणविभक्ति ६३१।
- चंदावेज्झय ६०० |
-मरणविभक्ति १३५ ।
-देवेन्द्रस्तव २९४।
-देवेन्द्रस्तव २७८।
-देवेन्द्रस्तव २७९।
- देवेन्द्रस्तव २८०।
- देवेन्द्रस्तव २८५।
-देवेन्द्रस्तव २८६।
-देवेन्द्रस्तव २८७।
-देवेन्द्रस्तव २९०।
-देवेन्द्रस्तव २९३।
-देवेन्द्रस्तव २९५।
-देवेन्द्रस्तव २९६।
-देवेन्द्रस्तव २९९।
-देवेन्द्रस्तव २९८।
- देवेन्द्रस्तव ३००।
-देवेन्द्रस्तव ३०१।
- देवेन्द्रस्तव ३०३।
कुल
For Private & Personal Use Only
२७
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128