Book Title: Sramana 1996 10
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 125
________________ ११९ : जैन जगत् संबोधिध्यान मंदिर का शिलान्यास समारोह सम्पन्न १२ दिसम्बर १९९६, जोधपुर। साधना, सेवा और स्वाध्याय को लक्ष्यकर गणिवर श्री महिमाप्रभ सागर जी म० सा० की पावन सनिधि में ‘सम्बोधि ध्यान मंदिर' का निर्माण सूर्यनगरी जोधपुर में हो रहा है। इसके शिलान्यास समारोह का भव्य आयोजन जोधपुर में किया गया। शिलान्यास श्री भैरोसिंह शेखावत, माननीय मुख्यमन्त्री राजस्थान ने किया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। शोक समाचार श्री प्रेमचन्द्रजी डागा दिवंगत जयपुर निवासी सुश्रावक श्री प्रेमचन्द्र जी डागा का ८५ वर्ष की आयु में दिनांक १६ दिसम्बर १९९६ को निधन हो गया। श्री डागा अपने पीछे तीन पुत्रों, पौत्रों और प्रपौत्रों सहित भरा परिवार छोड़ गये हैं। स्व० श्री डागा की स्मृति में उनके पुत्रोंश्री प्रकाशचन्द डागा, श्री कैलाशचन्द डागा और श्री विमलचन्द जी डागा से श्रमण के लिये एक सौ रुपये की सहयोग राशि प्राप्त हुई है। विद्यापीठ परिवार श्री प्रेमचन्द्र जी डागा के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों से प्राप्त उक्त सहयोग के लिये आभार व्यक्त करता है। श्री रमेश मालवणिया का असामयिक निधन पार्श्वनाथ विद्यापीठ के मार्गदर्शक तथा जैन धर्म दर्शन के विश्वविख्यात विद्वान् पं०दलसुख भाई मालवणिया के एकमात्र पुत्र श्री रमेश मालवणिया का पचपन वर्ष की आयु में दि० २४/१२/९६ को हृदयाघात से देहान्त हो गया। स्व० रमेश भाई का सम्पूर्ण बाल्यकाल पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्रांगण में ही व्यतीत हुआ था। फोटोग्राफी में उनकी विशेष रुचि रही। विद्यापीठ के लिये उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण फोटोग्राफ्स भी तैयार किये थे। पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार श्री रमेश भाई के असामयिक निधन पर शोकाकुल है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि दिवंगत आत्मा को शान्ति प्राप्त हो तथा पंडित जी और उनके परिजनों को इस महान् कष्ट को सहन करने की शक्ति मिले। साभार स्वीकार श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, छोटी सादडी, राजस्थान से पार्श्वनाथ विद्यापीठ को निम्नलिखित पुस्तके भेंटस्वरूप प्राप्त हुई हैं : Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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