Book Title: Sramana 1995 10 Author(s): Ashok Kumar Singh Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi View full book textPage 4
________________ १. गांधीजी के मित्र और मार्गदर्शक : श्रीमद्राजचन्द्र डॉ० सुरेन्द्र वर्मा २. भगवान महावीर की निर्वाण तिथि : एक पुनर्विचार डॉ० अरुण प्रताप सिंह ३. तरंगलोला और उसके रचयिता से सम्बन्धित भ्रान्तियों का निवारण ४. 'सदेशरासक' में पर्यावरण के तत्त्व ५. हारीजगच्छ श्रमण हिन्दी खण्ड प्रस्तुत अङ्क में ६. समकालीन जैन समाज में नारी ७. कालचक्र पुस्तक समीक्षा जैन जगत् पं० विश्वनाथ पाठक Jain Education International डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव डॉ० शिवप्रसाद डॉ० प्रतिभा जैन ८. ऐतिहासिक अध्ययन के जैन स्रोत और उनकी प्रामाणिकता : एक अध्ययन डॉ० धूपनाथ यादव असीम कुमार मिश्र ९. प्राचीन जैन कथा साहित्य का उद्भव विकास और वसुदेवहिंडी डॉ० ( श्रीमती ) कमल जैन For Private & Personal Use Only पृष्ठ १ - ४ ५ १५. २८ २४ २७ ४४ - १४ ५२ - ६४ ७२ - ३४ ४१ ---- ४२ ४३ २३ T 1 ३३ / ५१ ६३ ७१ ७८ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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