Book Title: Siri Bhuvalay Part 01
Author(s): Swarna Jyoti
Publisher: Pustak Shakti Prakashan

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Page 438
________________ सिरि भूवलय पाठकों का उपकार किया है। कवि काल, प्रयोग किए गए भाषा, छंद, काव्य धार्मिक दृष्टि, ग्रंथ के मूल विषय का विवरण, का भी निरूपण किया है। आदि तीर्थंकर वृषभ देव की पुत्रियाँ ब्राह्मी के ६४ अक्षरों के वर्णमाला में समस्त भाषाएँ हैं, सौन्दरी के अंकों को ही वर्गपद्धतिनुसार मिलाते हुए विश्व के सकल अणुपरमाणु की गणना के लिए पर्याप्त है, ब्राह्मी के अक्षर ही सौन्दरी के अंक और सौन्दरी के अंक ही ब्राह्मी के अक्षर हैं ऐसा दिखाते हुए, इस पद्धति को ही समस्त शब्द समूहों के लिए, प्रत्येक ध्वनियों के लिए, प्रतिध्वनि को अक्षर संकेत रूप में परिवर्तित कर अंकाक्षरों को चक्रबंध रूप में प्रप्रथम गोम्मट के द्वारा समस्त शब्दागम शास्त्र के रूप में रचित हुआ उसका ही अनुकरण करते हुए कुमुदेन्दु ने अपने ग्रंथ की रचना की ऐसी जानकारी प्राप्त होती है। जैन कवि कुमुदेन्दु विरचित अंक काव्य सिरिभूवलय, ताल-लय से संयोजित ६००० सूत्रों में, ६ लाख श्लोकों में रचित हुआ है, चत्ताण(चतुःस्थान) को सांगत्य रूप में भी बदंडों का प्रयोग कर अंतर काव्य श्रेणी के दंड रूप गद्य साहित्य में भी रचित हुआ है, जानकारी मिलती है। संपूर्ण जगत में यही एकमात्र अंकराशी ग्रंथ है ऐसा कहने में कोई विघ्न नहीं है। ऐसा ग्रंथ विश्वव्याप्ति किसी और भाषा में नहीं है कह सकते हैं । इसके पाठक अति दुर्लभ है। लगभग ११५० वर्ष पूर्व रचित इस सर्वभाषा मयी काव्य में प्राकृत, संस्कृत, कन्नड, अर्धमागधी, पाली, शूरसेनी, लाड, तेलगु, तमिल, आदि किस प्रकार समाहित हैं उसे अनुलोम, प्रतिलोम, अप्रतिम लोम के द्वारा पढने पर लाखों-करोंडों साहित्य समाहित है इसे स्वयं पढकर, लिखकर, और फिर मुद्रित कर जनता के सामने प्रस्तुत करने वाले पंडित श्रीमान यल्लप्पा शास्त्री जी, संपादक श्रीमान श्रीकंठैय्या जी अभिनंदनीय हैं । कन्नड जनता के प्रति हमेशा कार्यरत इनके लिए सर्वभाषाभिमानी कृतज्ञ हैं इतना ही नहीं सर्वविधि से इनके इस शाश्वत देवमान्य कार्य को संपूर्ण होने में सहयोग और उत्तेजना देना उचित होगा, ऐसी आशा करते हैं । पंडित सुधाकर चतुर्वेदीजी दिवगंत स्याद्वादशिरोमणी, पंडित, वेदरत्न, वेदवारिधि, वेदश्री, तर्कालंकार यल्लप्पा शास्त्री जी के सुपुत्र श्री धर्मपाल जी ने मुझसे सिरि भूवलय के विषय में अभिप्राय को देने का आग्रह किया। -435

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