Book Title: Siddhachakra Aradhana ane Tena Rahasyo
Author(s): Chandrakant Mehta
Publisher: Kishor Shah Nimita Shah

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Page 10
________________ सिमिन श्रीआदिनाथाय नमः । નિસન્નાજીનેમિ વિ જ્ઞાન-કર-ચંદ્રોદય અશો+ચંદ્રસૂરિભ્યો નમ 2114 परमम्पापा मरिहतपनमात्मानाशासनमा भारहिनसुधीमात्मामो मोसमां गया,मोसमां जयछे मनेने मोभमा नशेनेजया रत्नत्रयीन्पगुल धर्मशानमन सध्ने गया. सियामिनेवीशस्थानबर तेना विस्तार छ-- नामाघामयततेस्थिर रहेपन्निशासनमा परि माया पूरामनमूतछेपामंत्राधिरा-नमस्कारमरामंत्री तीर्थाधिराशान्यतीर्थ उपाधिरान-पर्युषएामरापर्य मने यंत्राधिरासिन्यायंत्रछेलेधीप्रलनं शासन शाश्चन छेन्यवंत -- गतमांसने अवानालवनमा रोलही मन समस्याजागीली धायछ नेना समाधानमारे विविध समे गतिमान थता होय छे छनांनेयमेनिसन्ससाधायम्नरि तेसोमस नधी. परंतु मा सिद्रयांनी साधनालोमपरय मयं सिसरे श्रीपालमराराम-मयासुंशी लेनापुरावा मान्यांनी मारनार मरिहतपरमात्माछे शासनना भूणमा पए। तेसोल्छे सामरिहंता नाभने स्थाने सिससम्मान मनुध्येयनि थपाळूछे तेमनामिशनोविषयसिदिक पमाऽपानोरछे,यंत्रनामध्यमा सरिइंतपोषा छतांतेमनी उपरे 'सिस्म मून्यामां जाप्युंछ माया जना मारणेसर यंत्रनी मोणमासिस्स्यायंत्र तरी थायछ.. माया मयामलावि श्रीसिपम्यत्रनारहस्योने प्राररिया- जालवामारे श्रायनल श्रीयंतला मा स्तम्मा पूरा प्रयासक्यो छो साधेसामा सिनेमा पमनी संप्रिप्तविधि नयेपोनी स्तुनिमोना लायाध पाथे, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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