Book Title: Shrutsagar Ank 040
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ४ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मई २०१४ + प्रकाशित करी छे. प्रस्तुत कृति प्रकाशनार्थे मोकलवा बदल पू. मुनि भगवंत श्री सुयशचंद्रविजयजी म. सा. नो खूब खूब आभार... अढार पापस्थानकोनो सरळ अने संक्षिप्त परिचय कराववा अने अढारे अढार पापस्थानकोथी छूटवा माटे परमात्माने करायेली हरिगीत छंदमां रचायेली आ स्तुति आ अंकमा प्रकाशित करी छे. स्तुतिना शब्दो, ध्रुवपद अने एनो लय बधुं ज सुंदर छे. अने एटले ज वाचको माटे आ स्तुति आ अंकमा प्रकाशित करी छे, दर अंकनी जेम आ वखते जैन सत्यप्रकाशमांथी महामहोपाध्याय श्री यशोविजयजी म. सा. नी प्रतिभाने उजागर करतो श्री हीरालालभाईनो लेख आ अंकमा साभार प्रकाशित कर्यो छे. लेखकश्रीए आ नानकडा लेखमां घणा बधा शोध स्थानो अने प्रश्नो जणावी विद्वानो अने वाचकोने आमंत्रित कर्या छे. तो साथे साथे महाप्रतिभावंत पू. महोपाध्यायजी म. सा. नी अकुंठित प्रतिभाना दर्शन पण कराव्या छे. स्मशाननो खाडो, पेटनो खाडो, अने तृष्णानो खाडो क्यारेय पूरी शकाता नथी, समस्यामां अटवायेला जीवनने उपयोगी थाय एवा सूत्रो प्राप्त करावी आपतो लेख 'ईच्छाओ अनंत छे आ अंकमा प्रकाशित कर्यो छे. आ लेखमां आपणा जीवननी वास्तविकता अने एना प्रत्येना अभिगमने बताववा माटे ज औपदेशिक तत्त्वनो उपन्यास थयो छे ए सिवाय कोई हेतु नथी. तीर्थ परिचय विभाग ठळ आ अंकमा हस्तिनापुर तीर्थनो परिचय आपवामां आव्यो छे. आ अवसर्पिणी काळना प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव प्रभुनुं पारणुं जे स्थळे थयुं हतुं ए स्थळ एटले हस्तिनापुर तीर्थ तीर्थ परिचय संक्षिप्त होवा छतां महद्द अंशे उपयोगी बने ए आशयथी हस्तिनापुर तीर्थनो परिचय प्रकाशित करवामां आव्यो छे. ब्राह्मीलिपिना सफळ आलेखन बाद एवो ज एक अभ्यासपूर्ण आ लेख 'पाण्डुलिपि : एक परिचय आ अंकमा प्रकाशित कर्यो छे. हस्तप्रतविद्याना अभ्यासु माटे आ लेख आशीषरूप साबित थशे. For Private and Personal Use Only वाचकोना स्वाध्यायमा अने वाचन सामग्रीमा वधारो थाय ए विचारथी पुस्तक समीक्षा अंतर्गत पंन्यासप्रवर श्री यशोविजयजी म. सा. द्वारा संपादित / अनुवादित द्रव्य गुण पर्यायना रासनो परिचय प्रकाशित कर्यो छे आ लेखना माध्यमे वाचकोने द्रव्यानुयोगनुं महत्त्व अने रासना प्रकाशननो परिचय जाणवा मळशे. एमां कोई शंकाने स्थान नथी.

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