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श्री हस्तिनापुर तीर्थ : परिचय
बीनाबेन शाह मूळनायक - श्री शांतिनाथ भगवान, पद्मासनस्थ, गुलाबीवर्ण, ऊँचाइ लगभग ९० से. मी.
तीर्थस्थळ - हस्तिनापुर गाममां आवेल छे. ऐतिहासिकता :
आ तीर्थ हालना नूतन अने प्राचीन तीर्थोमां नु मुख्य महातीर्थ छे. आ तीर्थनो प्राचीन इतिहास श्री आदेश्वर भ. ना समयनो छे. आ तीर्थनुं प्राचीन नाम 'गजपुर' 'नागपुर' 'कुंजरपुर' 'शांतिनगर' 'ब्रह्मस्थळ' 'आसन्दीवत' वि. नो उल्लेख छे. सोमयशना नानाभाई श्री श्रेयांसकुमारे भगवान श्री आदिनाथने अहीं इक्षुरसथी पारणा कराव्या हता. तेनी यादगीरीमां श्री श्रेयांसकुमारे एक स्तूपर्नु निर्माण करी श्री आदिनाथ प्रभुनी चरणपादुका स्थापित कर्यानो उल्लेख छे.
श्री आदेश्वर भगवान पछी श्री शांतिनाथ, श्री कुंथुनाथ अने श्री अरनाथ भगवानना चारे कल्याणक अहीं थयेल छे. जेनी स्मृतिमा स्तूपो निर्माण थयाना उल्लेख छे. आ अनेक जिनालयो अने स्तूपो हालमां नथी. पण भूगर्भमांथी अनेक प्राचीन अवशेषो प्राप्त थाय छे जे प्राचीनतानी याद अपावे छे. हालना आ श्वेतांबर जिनालयनो छेल्लो जीर्णोद्धार वि. सं. २०२१मां मागसर सुद दशमना दिवसे थई फरी प्रतिष्ठित थयेल छे. श्री मल्लिनाथ भ. ना समवसरणनी रचना पण आ तीर्थमां थयेली छे. महाभारतना काळमां कौरवो अने पांडवोनी राजधानी, आ शहेर हतुं.
श्री भरतचक्रवर्तीथी कुल बार चक्रवर्ती राजा थयेल छे. जेमांना छ चक्रवर्तीओनी आ जन्मभूमि छे रामायण काळना श्री परशुरामनी पण आ जन्मभूमि छे. आवा महान आत्माओना जन्म कल्याणक, अने पदार्पणथी पवित्र बनेली आ भूमिनी महानता वर्णन माटे शब्दो ओछा पडे छे.
दिगंबर जैन संप्रदाय अनुसार रक्षाबंधन अथवा श्रावणी पूनमनी महान घटना आ हस्तिनापुर स्थळथी शरु थयेल छे. आम जैन परंपरा अनुसार तथा इतिहास प्रमाणे अनेक तीर्थंकरो चक्रवर्ती राजाओ, महामुनिओ, केवलज्ञानीओ, तपस्वीओ, श्रावक-श्राविकाओ धर्मवीरो, कर्मवीरो वि. नो आ प्राचीन भूमि साथे संबंध रहेलो छे. तदुपरांत जैन आगमो चारित्रग्रंथो कथावार्ता, सूत्रग्रंथो तथा अन्य धार्मिक
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