Book Title: Shrutsagar 2015 03 Volume 01 10 Author(s): Hiren K Doshi Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR MARCH-2015 घेर अमो वहोरवा जता त्यारे घर नीचे जाणे दवाखानाना दर्दीओ भराया होय तेवी रीते अनेक दुःखी मनुष्यो बेठेला देखावामां आवता हता. तेमणे परोपकारनां जे कार्यो करेला छे. तेनो जात अनुभव छे. शेठ लल्लुभाइ रायजी हाल पण परोपकारनां कार्यो कर्या करे छे. ___अमदावादना नगरशेठ प्रेमाभाई हेमाभाइए घणां परोपकारनां कार्यो काँ हतां. शेठ लालभाई दलपतभाईनी माताजी गंगाबेन अनेक परोपकारनां कार्यो अद्यपर्यन्त करे छे अने भविष्यमां करशे. शेठ मनसुखभाई भगुभाइए परोपकारनां कार्यो कर्यां छे. तेमणे अमदावादनी पांजरापोळ सुधारीने पशुओनां दुःख दूर करवा धनादिकनी सहाय करी हती. सुरतमां रावबहादुर हीराचंद मोतीचंद, शेठ धर्मचंद उदयचंद, नगीनदास कपूरचंद, नेमचंद मेळापचंद अने नगीनदास झवेरचंदे मनुष्यो अने पशुओ उपर उपकार करवा सारो आत्मभोग आप्यो छे. पाटणमां सं. १९५६ ना दुष्कालना प्रसंगमां एक गृहस्थ शेठे गुप्त नामथी दुकान उघाडी हती अने ते द्वारा तेणे अनेक मनुष्योने नाम लखीने रूपिया आप्या हता तथा दाणा आप्या हता. पश्चात् तेणे दुकान बंध करी ते वात पाटणमां जाहेर छे. पाटणमां दुकान उघाडीने निष्कामवृत्तिथी गरीबोने गुप्तपणे मदद करनार गृहस्थनी जेटली प्रशंसा करीए तेटली ओछी छे. __ शेठ वीरचंद दीपचंद अने प्रेमचंद रायचंदे परोपकारप्रवृत्तिमां सारी रीते भाग लीधो हतो. मनुष्यो अने पशुपंखीओ उपर उपकार करनार आ विश्वमा अनेक मनुष्यो विद्यमान छे. ___ आ विश्वमा हजी परोपकारी मनुष्यो विद्यमान छे तेथी सूर्य अने चंद्र नियमित गति करे छे अने समुद्र पोतानी मर्यादाने मूकतो नथी. आ विश्वमां लोकोत्तर दृष्टिए भावोपकार करनारा अनेक आचार्यो उपाध्यायो अने साधुओ विद्यमान छे तेथी विश्वमां शांति सुखनी झांखी जणाय छे. आवी रीते आ विश्वशाळामां परोपकारनुस्वरूप अवबोधीने हे मनुष्य तुं परोपकार कर, परोपकारनी भावनावाळाए आ विश्वमा उपकारकर्म करवामां स्वाधिकारे प्रवृत्त थ, जोइए. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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