Book Title: Shrutsagar 2015 03 Volume 01 10
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्रुतसागर मार्च - २०१५ 17 चुमुख दीठ हवइ मन ठरिउ रे हां, पीतल प्रतिमा बार मेरे मनि वसिउ । भावसहित प्रभु पूजीया रे हां, मरूदेवी मात मल्हार मेरे मनि वसिउ ॥२०॥ भाव सहित करउं जात्र... श्रीकुंथुनाथ जुहारीया रे हां, पासइ पौषधसाल मेरे मनि वसिउ । पीतल बिंब सोहामणां रे हां, वांदुं थई ऊजमाल मेरे मनि वसिउ ॥ २१ ॥ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाहनां-मोटां जिन तणां रे हां, भुहिहरां देउल ठांम मेरे मनि वसिउ । रिषभादिक जे जिनवरू रे हां, तेहनि (ने) करुं प्रणाम मेरे मनि वसिउ ॥ २२॥ भाव सहित करउं जात्र... यात्र करी सहू आवीउं रे हां, उच्छव रंग मनोहार मेरे मनि वसिउ । अष्ट महासिद्धि संपदा रे हां, सेवकजन जयकार मेरे मनि वसिउ ॥ २३॥ + भाव सहित करडं जात्र... संवत सोलसत्ताणु रे हां, भेटिउ अरबुदगिरिराय मेरे मनि वसिउ । श्रीविशालसोमसूरि सानधिई रे हां, कहिइ राजरतन उवझाय मेरे मनि वसिउ ॥२४॥ भाव सहित करउं जात्र... * ॥ इति अरबुदगिरि चैत्य परिपाटी स्तवनं संपूर्ण ॥ मुनि माणिक्यरत्न लिखितं प्रतांते प्राप्त पुष्पिका - लिखिता स्थंभतीर्थे श्री. मोहणदे पठनार्थं भद्रंभवतात् लेखक पाठकयोः For Private and Personal Use Only भाव सहित करडं जात्र...

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