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मार्च - २०१५
श्रुतसागर
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आवश्यकतानुसार यथायोग्य बन्डल बनाया जाता है, जिसे अंक बाइन्ड कहा जाता है. बहुधा यह मैगजीन के वर्षानुसार होता है, या सुविधानुसार नियत संख्या में प्रतियों का धारक होता है.
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आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर में वाचकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पत्रिकाओं से सम्बन्धित निम्नलिखित सूचनाओं की प्रोग्राम में प्रविष्टि की जाती है.
मैगजीन नाम
मैगजीन अथवा सामायिक के मुखपृष्ठ पर जो नाम छपा होता है, वह मैगजीन का नाम Magazine Name कहलाता है. जैसे श्रुतसागर पत्रिका की प्रविष्टि करने के लिए यहाँ मात्र “ श्रुतसागर” इतना ही प्रविष्ट किया जाता है. इस प्रकार की प्रविष्टि से कोई वाचक यदि श्रुतसागर पत्रिका मांगता है तो हम शीघ्र ही कम्प्यूटर में श्रुतसागर नाम से सर्च करते हैं. सर्च करने के पश्चात् श्रुतसागर पत्रिका से संबंधित सारी सूचनाएँ स्क्रीन पर आ जाती है, फिर ये सूचनाएँ वाचक को उपलब्ध कराते हैं.
मैगजीन विशिष्टता संकेत
मैगजीन जिस विषय से सम्बन्धित हो, उसका संकेत (Code) यहाँ प्रविष्ट किया जाता है. उसे मैगजीन विशिष्टता संकेत कहा जा सकता है. जैसे- धार्मिक, सामाजिक, ज्योतिष, शैक्षणिक, संशोधन, चिकित्सा आदि कुछ मैगजीन एकाधिक विषयों से संबंधित लेख प्रकाशित करती हैं, इसलिए उनके साथ एकाधिक विशिष्टता कोड लगाया जाता है. जैसे- “ श्रुतसागर” का विशिष्टता संकेत जैन धार्मिक एवं संशोधन है. इससे हमें यह लाभ होता है कि यदि वाचक आकर पूछे कि आपके यहाँ धार्मिक मैगजीन कौन-कौन सी हैं, सामाजिक मैगजीन कौन-कौन सी हैं, ज्योतिष से संबंधित मैगजीन कौन-कौन सी हैं, धार्मिक एवं संशोधन परक लेख किन-किन मैगजीन में प्रकाशित होते हैं, तो मैगजिन की विशिष्टता के आधार पर हम उन्हें उनकी अपेक्षित सूचनाएँ शीघ्रतापूर्वक बता देते हैं.
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वॉल्युम प्रकार संकेत (Volume Type Code)
सामान्यतया वर्ष क्रमांक एवं अंक क्रमांक की सूचनाएँ सभी पत्रिकाओं में पाई जाती हैं. कोई भी पत्त्रिका, चाहे वह वार्षिक, मासिक, पाक्षिक अथवा साप्ताहिक हो, उसकी वर्ष संख्या प्रायः होती ही है, पत्त्रिका का प्रकाशन जिस वर्ष से प्रारम्भ होता
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