Book Title: Shrutsagar 2014 09 Volume 01 04
Author(s): Kanubhai L Shah
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org सितम्बर-२०१४ 13 श्रुतसागर लि. । पं. । धर्मचंद ग्राम राहसर मध्ये ॥ सं १९०७ रा मिती चैत्र वदि ११ दिने लिखतं ॥ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रतिलेखक परिचय-पं. । धर्मचंद सं. १९०७ विद्वाननो विशेष परिचय उपलब्ध नथी. प्रतिलेखन वर्ष - वि.सं. १९०७ रा मिती चैत्र वदि ११ दिने प्रत लखायानो उल्लेख छे. प्रतिलेखन स्थल- ग्राम राहसर मध्ये. प्रत परिचय - प्रत नं. ३७३३९. जे संपूर्ण छे, प्रतमां बे कृतिओनुं आलेखन थयेल छे. प्रतनुं माप - २६x१२ से.मी. छे. कुल पत्र संख्या२, प्रति पृष्ठ पंक्ति संख्या १०, प्रति पंक्ति अक्षर लगभग ३० छे, अक्षर साधारण सारा छे. २ प्रत नं. २८५५३ पत्रांक नं - १A संवत् १६८३ वर्षे पातशाह शिहायान राज बिठा तिहार पछी मुलतान वासी ठाकुर बुलाकीना मुखी शांभली दूरदेशांतरथी आव्या तिहूणे वार्त्ता लखावी : १. श्री अहमदावादथी ३२५ कोसे आगरो तिहांथी २. ३०० कोसे लाहोर तिहांथी ३. १५० कोसे मुलतांन तिहांथी ४. ३०० कोसे खंधार तिहांथी ५. ९०० कोसे इसपांनगर तिहां तिलंगी पातसाह राज्य करें हैं तिहांथी ६. ७०० कोसे सांमनगर तिहांथी ७. ८०० कोसे सासतानगर ते नगर बार कोसनें विस्तारें हैं तिहांथी ८. ६०० कोसे खुरासाणनगर ते कोस १५ नें विस्तारें नगर छै: ते नगरनो बिजार ४८ कोस प्रमांण विस्तारें हैं तिहां रोमी पातसाह राज्य करें छै ते छ मासि बाहर निकलै छें ते पातसाहनें २४००००० कटक छै: ३००००० लुंडा' छै लोहना कोठानो कोट छै: तिहांथी ९. ५०० कोसे बबरकोट छै देश छैः तिहां मनुष्य रूधीरस्यूं हीर रंगें छैं तिहांथी तारातंबोलनगर छै तिहां सूरचंदराजा राज्य करें छै ते नगर ४० कोसनें विस्तारे छै : तिहां पश्चिम समुद्र कोंठो` ढुकडो' छै तिहां जिनधर्म छई प्रसाद पौषधशाला स्तुभादिक जैनमंडित पृथ्वी छै साधु१ साध्वी२ श्रावक३ श्राविका४ छै तिहां जैनधर्म घणो हैं १. गुलाम, २. किनारो, ३. नजीक. For Private and Personal Use Only

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