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SHRUTSAGAR
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SEPTEMBER-2014
जाय। इस पर से एक यति जी द्वारा अपने संग्रह ग्रंथ में- जिसमें उन्होंने विहारी सतसई, कोकशास्त्र, कविता, वैद्यक शास्त्र, ज्योतिष, मंत्र, तंत्र, आदि अनेक विषयों के साथ कई ऐतिहासिक बातों का भी उल्लेख किया उसी हस्तलिखित नोंध कोपी को देखते हुवे मुझे यह प्रवास वर्णन मिला जो कि उपरोक्त लेख सदृश होने से प्रकाशनार्थ भेजा है। उक्त कोपी १७वीं शताब्दी की होने का अंदाज किया जाता है, पत्र इस प्रकार है
“संवत् १६८६ वर्षे पातिसाह साहिज्यां राज्य करै तिवारै वार्ता छे मुलताण वासी, जाति खत्री, नाम ठाकुर विलायत, दूर देशांतरथी आयो ते वार्ता कहे। गुजरात देश मध्ये अहमदाबाद नगरथी ३२५ आगरा, तेहथी ३०० कोस लाहोर, तिहांथी १५० मुलताण, तिहांथी ३०० खंधार, तिहांथी ७०० सांम नगर छे, तिहांथी ८०० सासता नगर बार कोस ने विस्तार छे, तिहांथी ६०० खुरसानसेहर १५ कोस विस्तार छे, तिहांथी १२०० तारातंबोल नगर छे ते ७२ कोस विस्तार छे नगरनो बाजार ४८ कोसने विस्तार छे, तिहां रोमी पातिसाह राज्य करे छे, ते छ मासे बारणै आवै ते पातिसाहरै २४ लाख कटक छे, तेहने ३ लाख लूंडा लूंडी छै लोहनो कोट सहिर दोलो छै । तिहांथी ५०० कोस बबर देश छै तिहां हिर रंगाई, तिहां सूरचंद राज्य करै ते नगर ४० कोसने विस्तारे छे, तिहां समुद्रनो कांठो छे, जैनधर्म छे अद्भुत प्रासाद पोसाल अनेक छे।” इति... (जैन सत्य प्रकाश वर्ष - ६ अंक- ६)
नोंध-उपरोक्त छ लेखोमां आवेला स्थान- अंतर दर्शावतो कोठो नीचे मुजब आपवामां आव्यो छे. तेमां चार लेखोमां अमदावादथी अने प्रत नं. ९९० मां लाहोरथी आम जुदा-जुदा रूटमां शहेरो तथा अंतर दर्शावेल छे, शहेरोनो क्रम पण बदलायेलो छे, प्रतोमा जे प्राचीन नगरीओना नामो आवेला छे ते वर्तमानमां कया नामे ओळखाय छे, क्यां आवेल छे तेनी विगतो उपलब्ध नथी तेम ज प्रतोमां नगरीओना अंतर कोष अने गाउ लखेल छे तेनुं शुं माप समजवुं ते पण शोध-संशोधननो विषय छे, जेनी सुज्ञ वांचको नोंध लेवी. आ नगरी विशे अन्य पण हकीकतो कोईना ध्यानमां होय तो जणाववा विनंती.
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