Book Title: Shatkhandagama Pustak 03 Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati View full book textPage 8
________________ Jain Education International श्री अतिशय क्षेत्र मूडबिद्रीकी जिस सम्मान्य भट्टारक- परम्पराने इन अनुपम सिद्धान्त ग्रंथों की चिरकालसे बड़ी सावधानी और सतर्कतापूर्वक रक्षा की, तथा अब सुअवसर प्राप्त होने पर विद्वत्संसारको उनका लाभ दिया, उसीके भूतपूर्व और वर्तमान गुरुओं के सत्प्रयत्नों की स्मृतिमें यह ग्रंथ विशेष रूप से समर्पित है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 626