Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji

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Page 860
________________ 307 687 . पद्यानि पृष्ठाङ्काः। पद्यानि पृष्ठाङ्काः इयमेत्य पतवर्मना . 649 | उत्तुङ्गे कृतसंश्रयस्य ... 457 इयं महेन्द्रप्रभृतीनधिश्रितः 599 उत्पक्ष्मणोनयनयो . 582 इयेष सा कर्तुमवन्ध्यरूप- . 651 उत्पत्तिर्देवयजनात् 611,674 इह मुहुर्मुदितैः कलभैः- 206 उत्पश्यामि द्रुतमपि सखे ....343 इह रे बहला लासे 278 उदधावुधावावा . 3.1 उदयनेव सविता ... 352 उमहिस्स जसेण जसं 259 उदयिते दयिते जघनं घनं 200 उचिउ वालीयिअ पन्य उद्गर्भहूणरमणीरमणोपमर्द . 135 उच्छलन्मत्स्यपुच्छाम 232 उज्ज्वलालोकया स्निग्धा 434,694 | उद्धच्छो पिबइ जलं उज्झसि पिआइ समर्थ उद्यतस्य परं हन्तुं 44 उढन्तमहारम्भे थणए उद्यदर्हिषि दर्दुरारवपुष 248 उत्कण्ठयति मेघानां उद्यानसहकाराणां 328,396 उत्कण्ठा संतापो रण उन्नमय्य सकचग्रहमास्यं 87,601 उत्कम्पयसि मां चूत उन्नमितैकभूलतउत्कानुन्मनयन्येते .. उन्मीलितं तूलिकयेव चित्रं 698 उत्कूजति श्वसिति मुह्यति उपनिहितहलीशासार्गल उत्तंसिण दोहलविअसिम 666 | उपरि घनं घनपटलं उत्तप्तकाञ्चनाभासं उपाध्वं तत्पान्थाः पुनरपि 461 उत्तिष्ठन्त्या रतान्ते भर उपोढरागाप्यबला मदेन 211 मुरगपतौ 161,620 1 कुमार० 4-20. 2. कुमार० 5- - १.शाकुन्त० 4.14. २.महावीर 53. 3. शिशु० 4.60. 4. सेतु०] 1.21. 3. मेघसं० 1.23. 4. काव्या४-४३. 5 मालती०१०.४. 6. गा०स० | द० 2.349. 5. वामनका० 4.2.20 ३.७५.७.गा०स०४-८२. ८.काव्यदि० 6. शाईभरपद्धतौ बाणस्य. ७.काव्याद. . 2-118. 9. रुद्रटकाभ्यालं. 755.| २-२५१.८.सुभाषिताव. विज्जिकायाः. 10. काव्यादर्श० 3-136. 11. वेणी. | 9. शाकुन्त० 3-12. १०.कुमार० १संहार० 1.3. सुभाषितावलौ भट्टनाराय-| 32.11. मुद्रारा० 1-21. अस्य प्राकृतं गस्य, शाधरपस्तौ च निशानारायणस्य. वर्तते. 12. काव्या०३.५२. ..... 144 सागल 317

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