Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji

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Page 858
________________ 668 पद्यानि पृष्ठाकाः पद्यानि - पृष्ठाङ्काः अस्तोकविस्मयमपि आअंबलीअणाणं 613 अस्त्युद्दामजटाभार 306 आअरपणामिओई अस्थीन्यस्थीन्यजिनमजिनं 256 आउज्झिम पिद्विभए 22 अस्मान् साधु विचिन्त्य संय- आक्रोशनालयनन्यान् . 315 मधनान् आक्षिपन्त्यरविन्दानि . 104,732 अस्मिन्त्रीषद्वलितवितत आणिअपुलउब्मेओ 673 अस्मिन्नगृह्यत पिनाक आत्मनश्च परेषां च 221 अस्मिन्वर्षमहे न वर्तत आदित्यचन्द्रावनिलोऽनलश्च 488 अस्याः सर्गविधौ प्रजापति आधातुं विनयं निरागसि 682 अह तह सहत्यदिण्णो आधूतकेसरो हस्ती 45 अह धाविऊण संझामएण आनन्दाश्रु प्रवृत्तं मे .. 451 अह सा तहिं तहिं ब्बि 690 आपातमात्ररसिके 437,722 अंह सो विलक्खहिलओ . आपृच्छामि व्यथयति मनो 626 अहिणवमणहर आभरणस्याभरणं प्रसाधन 179,698 अहेतुः पक्षपातो यः आम्नायानामाहन्त्या 272 अहो रूपमहो रूपं / / आयाते दयिते मरुस्थलभुवां 610 अंहो विशालं भूपाल . आरोहत्सवनीरुहं आलक्ष्य दन्तमुकुलान निमित्तहासान् अहिषातां रघुव्याघ्री आलाओ मा दिबउ आः सीते पतिगर्वविभ्रम 717 आलीयं मालतीमाला 28 1. मालवीमा० 9.55. 2. शा- . 1. गा०सं०५-७१. २.गा०स०१. कुन्त० 4-16. 3. किसता० 5.33. 22. 3. काव्याद० 2.361. ४.महा४ विक्रमो० 1.9. 5. मा० स०४-१८. भारते आदिफ.९८-११.५ काव्याद०३६. गा० स०५-२०. 7. उत्तर० 20 | 152,6. काव्याद० 2.267.7. विक्र१७.८. नगिसायो रुवाव्यालंकार- मो० 2-3. 8. काम्याद०३-८४. ९.५वृत्तौ प. 21. 9. कान्याद०.२-२१९. निकस दशरूपके. 4-13. शाधरप. 10. भट्टि 4.4. | अद्भुतपुण्यस्स. 10. शाकुन्त० 6.17. 25 540 आ.

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