Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji
________________ 710 पद्यानि. . पृष्ठाः पद्यानि 'पृथकाः क्षिप्तो हस्तावलग्नः 133,531/ गतिवेणी च नागेन क्षीरक्षालितचन्द्रदेव गमिमा कलंबवाआ गम्मिहिसि तस्स पास खं वस्ते कलविह गैर्वमसंवायमिमं खणमेत्तं पि ण फिर गल्लौ लावण्यतल्लो ते 13 खैण्डिताशंसया तेषां 201 गहवासुएण सम खरगरकालितकण्ठं 268 'गाण्डीवी कनकशिलानिभंभुजाभ्यां' खातयः कनि काले ते गात्राविघातदलिताङ्ग : 157 खाहि विसं पिब मुत्तं गोमतरुणीओ हिम 665 खिण्णस्स ठवेद उरे 684 गोहन्तां महिषा निपानसलिलं 51 खेटके भक्तसूपस्य गिम्हे दवग्गिमसिमलिइ. ख्याता एव वयं जगत्सु आई 450,691 गीतशीतांशुताम्बूल 339 गङ्गे देवि दृशा पुनीहि गीतान्तरेषु श्रमवारिलेशः गच्छ गच्छसि चेत्कान्त गीता विदुरवाक्यानि 128 गच्छन्तीनां रमणवसति गुणानामेव दौरात्म्यात् 479 गच्छति वक्तुमिच्छामि . . 497 | गुणानुरागमित्रेण 33. गजैरसंबाधमयांबभूवे' 98 गुरुतरकलनूपुरानुनादं 619 गजन्ते खे मेहा 383 | गुरोःशासनमत्येतुं गतः कामकथोन्मादः 327 गुहाणि नाम तान्येव 132 1. अमरुश० 2. 2. गा० स० 2. 83. 3. किराता० 15.3. ४.का 1. सेतुब० 1.15. 2. रुद्रटकाव्या. व्याद० 3.111. 5. गा० स० 3.99.8.78. 3. किरानगर्नु. 1763. 6. महावीरच० 5-51. 7. काम्बा. 4. गा० स० 6.45. 5. शाकुना ह० 2.141. ..मेघद. 1.38. 2.6. 6. गा० स० 1.70. ७.कु. 9. काव्याद० 20147.. १०.शिशु मार० 3.38. 8. शिशुपा० 7-18. पा० 3.67. परं तत्र 'दिपैः-'इति पाठः 1. काव्याद० 2-301.10. कान्या. 11. काव्याद० 2.248. 493 491 / 1.86.
Page Navigation
1 ... 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894