Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji
________________ : पद्यानि पृष्ठाङ्काः 397 460 पृष्ठाङ्काः पद्यानि वे देवकन्यका नापि- 505 नादेयं किमिदं जलं घटगतं२९७ ननोननुन्नोनुन्नोनो... 266 नान्तर्वर्तयति ध्वनत्सु नै पद्मं मुखमेवेदं 406 | नान्दीपदानि रतनाटक ने बद्धा भ्रुकुटि पि 505 नामिलितमस्ति किंचित् नमत चन्द्रकलामयमण्डनं 286 नालस्य प्रसरो जलेष्वपि ने मन्दयावर्जितमानसात्मया 217/ निःशेषच्युतचन्दनं स्तनतटं 550 न मयागोरसाभिज्ञ 302 निकामं क्षामाङ्गी सरस 486 न मर्त्यलोकत्रिदिवात्प्रही निगृह्य केशेष्वाकृष्टा 596 यते 397,439,629 नितम्बगुर्वी गुरुणा 245 278 निध्वनजवहारीमा नमस्ते जगतां गात्र निमूलकाषं कषति 256 नमस्ते महिमप्रेम 274 निरर्थकं जन्म गतं नलिन्या 298 च मालतीदाम विमर्दयोग्यं 244,440 निरानन्दः कौन्दे मधुनि नं मीलयति पद्मानि 56 निर्णेतुं शक्यमस्तीति नमो दिवसपूराय 392 नयनानन्दजनने निर्मलेन्दु नभो रेजे 359,552 ने रथा न च मातजा निर्माल्यं नयनश्रियः कुवलयं 166 नलिनी नलिनीनाथ निर्यता परिजनेन बोधितः 485 निर्विभुज्य दशनच्छदं ततो 619 न विरचिता ललाटतट निवार्यतामालि किमप्ययं बटुः 386 नवोढे त्वं कुचाट्यापि न शशीश नवे भावे 273 ___ 1. हेमचन्द्रस्य काव्यानुशासनेऽपि. न स्पृष्टोऽपि त्रिदशसरिता 654 | 2. धनिकस्य दशरूपके. 2-37. 3. शाङ्गधरप०. 4. अमरुश० 105. 1. काव्याद० 2.325. 2. कि- | 5. मालतीमा० 2-3. 6. काव्याद० राता० 15-14. 3. पूर्वार्धमात्रं का- 2.282. 7. रघुवं० 7-25. व्याद० 2-36. 4. काव्याद० 2-326. 8. वामनस्य काव्यालंका० 3.113. 5. काव्याद० 3.57. 6. काव्याद० | 9. काव्याद० 2-218. 10. प्रथ२-८३. 7. काम्याद०३.८८.८. का- | मपादमात्रं बालरामा० 1.40. 11. कु. ज्याद० 2-327. / मारसं० 5.33. . 288 261
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