Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji
________________ 28. 249 25 447 192 . पद्यानि पृष्ठाङ्काः / पद्यानि पृष्ठाङ्काः. समानया समानया 221 | संशाङ्गचक्रासिगदाब्जपाणिः 95 से मारुतसुतानीत 674 | स संकोचश्चन्द्रादिव _ 137 से मारुताकम्पित 118 से संचरिष्णुर्भवनान्तरेषु 305 स मारुतिसमानीत ससत्त्वरतिदे नित्यं सरणे वारणास्यस्य से हत्वा बालिनं वीरं 677 सरत्सुरारातिभयाय 267 सैरले साहसरागं परिहर 146 संहदीर्घा मम श्वासैः 484 सरसिजमनुविद्धं शैवलेना सहभृत्यगणं सबान्धवं 195 सरांसीवामलं व्योम संहसा मा साहिजउ सेरोजपत्रे परिलीनषटुदे सहस्रगोरिवानीकं. 10 सर्वकार्यशरीरेषु 91 सहिआहि पिअविसजिअ 667 सर्वक्षितिभृतां नाथ | संहिआहिँ भण्णमाणा 315,684 सर्वप्राणप्रवण मघवन् 388 | सहि साहसु तेण समं 582 सर्वाः संपत्तयस्तस्य | सा उप्पडी गोढउहि 341 सर्वाशारुधि दग्धवीरुधि 248,711 | साकं पङ्कजजन्मना सुरपतेः 738 सलिलं विकासिकमलं सा कौमुदी नयनयोर्भवतः 362 सैलीलमासक्तलतान्त साग्रं वर्षसहस्रं स सल्लतापल्लवोल्लासी सा तइ सहत्थदिणं . 636 सम्वस्सिम्मि विअड्डे सांधारण्यान्निरातङ्कः 1. रघुवं० 12-78. 2. रुद्रटकाव्यालंकारस्य नमिसाधोष्टीकायाम्. 1. शिशुपा० 1.46. 2. कि११.२४. 3. मालतीमा० 6-10. राता० 15-27. 3. रघुवं. 12-58. 4. शाकुन्त० 1-20. 5. किराता० | 4. काव्याद० 2-352. 5. वेणी८.३५. 6. विक्रमो० 4.27. 7. म. | सं० 2.5. 6. पूर्वार्धमानं वामनहावीर० 1.36. 8. उत्तररा० 2-17. | काव्या० 2.1.13. 7. गा० स० 9. सुभाषितावलौ बाणस्य.. 10. रुद्र- | 2-45. 8. मालतीमा० 1.32. टकाव्यालं० 7.110. 11. किराता० 9. श्रीमद्भागवते 3.20-15. 10. म. 8.16. 12. गा० स० 3-29, हावीरच० 1-22, . . . 598 52 512 238 617
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