Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji

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Page 888
________________ 668 645 / पद्यानि पृष्ठाका.. पद्यानि स इतोऽब्द ऋतावृतप्रियो 106 सत्वं मानविशिष्ट 276,606 सकाग्ग हतं सुण्णा 656 / से दक्षिणापाङ्गनिविष्ट 313 सकलंकेन जडेन च 357 / सदर्प इव कन्दपः / 250 संग्ग अ पारिजा 395 सैद्यः पुरीपरिसरेऽपि संगैतानि मृगाक्षीणां 475 सद्यो द्रावितकेतकोदर 178 संग्रामाङ्गणमागतेन 82,530 से नाकवनितं नितम्बरुचिरं 215 संचकितमिव विस्मयाकुलाभिः 391 स नैषधस्याधिपतेः सुताया- 249 सच्चं गुरुओ गिरिणोः 495 | सन्तः शृणुध्वं हृदये 264 सचं चअ कट्ठमओ सेन्तः सच्चरितोदयव्यसनिनः 479 सँच्चं जाणइ दई सपीलवासाः प्रगृहीतशाओं 119 सच्छन्दरमणदंसण से बाल आसीद्वपुषा 324 संचारिणी दीपशिखेव 433,699 सभासमाना सहसा 220 | सभासु राजन् न सुराहतै संजीवणोसहिम्मिघ 648 208 सभासुराणामबला 218 स तथेति प्रतिज्ञाय 184 सभ्रविलासमथ सोऽय सतमाः सतमालो यः 212 618 समं ससैन्येन समन्ततः 205 सतेऽनुनेयः सुभगोऽभिमानी 98 सममेव समाक्रान्तं 329 सपक्षा मधुरगिरः . . 100,739 समर्थये यत् प्रथम से त्वं मदीयेन शरीरवृत्ति 276 सेमसोक्खदुक्खसमवहिआण 642 261 . 1. गा० स. 6.50. 2. रुद्रट- समाधवा माधवदत्तदृष्टिः काय्या० 7-87. 3. सेतुब० 4.20. 1. कुमारसं० 3-70 2. बालरा. 4. काव्याद० 2-332. 5. काव्य 6.34. 3. किराता० 5-27. ४.र. प्रकाशेऽप्युदाहृतं पथमेतत् / खण्डप्र- घुवं० 18-1. 5. धनिकस्य दशरूपके शस्तौ, सदुक्तिकर्णामृते च. 6. किराता० | 3-18. 6. शिशुपा० 1.70. 7. का१०.७. 7. गा० स० 1-12. 8. व्याद० 3-40. 8. काव्याद० 3.58. रघुवं० 6-67..97 गा० स० 4-36. 9. मालतीमा० 1.23. 10. रघुवं. 10. कुमार० 6.3. 11. वेणीसं० | 4-4. 11. विक्रमो० 4-39. 1.6. 12. रघुवं० 2-45. ! 12. गा० स० 2.42. .. ..

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