Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji
________________ - 209 < 4 719 425 . 701 . .. < ه س سم س * पद्यानि .. पृष्ठाका... पद्यानि पृष्ठाङ्काः विरहिणिहिअअअकन्तहि ___ 368 | वीनी वृन्दं चैतत्कूटे विरहे ते विषीदन्तं 32 वीहेसि हरिमुहि अवि विरोधो विश्रान्तः प्रसरति वेल्लितभ्र गलद्धर्म विलासमसृणोल्लसत् | वेवइ जस्स सविडि विलिम्पत्येतस्मिन् 614 | वेवाहिऊण वहुआ विलुलितालकसंहति 201 वैविरिसिण्णकरंगुलि विवादोऽपार्थ एवायं 171 | वैधैरेनरेशैरैन्द्र विविधधववनाना . 210 | व्यतिकर इव भीमः विवृण्वती शैलसुतापि 571 व्यथितसिन्धुमनीरशनैः 199 विशदा विशदामत्त .200 'व्यपगतधनपटल' 154 विश्वंभरा भगवती 169,6 व्यपोहितुं लोचनतो मुखानिलैः 620 विषं निजगले येन / व्यर्थ यत्र कपीन्द्रसख्य विष्णुना विक्रमस्थेन 526 व्यूढोरस्को वृषस्कन्धः विसवेओव्व पसरिओ विहगाः कदम्बसुरभा- 204 |शकार किं प्रार्थनया विहलइ से णेवच्छं 667 | शक्त्या वक्षसि मग्नया सह 680 विद्वायतन्मानव्यसन 654 | शतं वारानुक्तः प्रियसखि 514,683 विहितां प्रियया 164 शतार्धपञ्चाशभुजः 1. उत्तरार्धमानं काव्याद० 1.63. |शंदमाणु शमंशभालके 144 2. उत्तरराम० 6-2. 3. विज्जाकाया | शम्भोरुद्धतनृत्यकर्मणि 332 इति ऑफैक्टपण्डितः, सुभाषितावलिभू | शयने यस्य शेषाहिः 233 मिकायां पीटर्सनश्च. 4. शिशुपा०६-३. 1. सेतुब० 1.6. 2. गा० स० 5. वामनकाव्यालं. 4-1-2. हरिप्रबो 3.44. . 3. मालतीमा० 10-8. धादुद्धृतः. .6: कुमार० 3.60. 4. किराता० 5.2. 5. किराता० 8. 7. काव्याद०३-१४. 8. उत्तरराम० 1-9. 9.. काव्याद० 2-101. 19. 6. उत्तररा०३.४५. 7. रघुवं० . 10. सेतुब० 5-50. 11. शिशुपा० | 1-13. . 8. वेणीसं० 3. परंतत्र 4.36. 12. किराता० 2.1. 'हदमाणु' इति पाठः..
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