Book Title: Sarasvatikanthabharanam
Author(s): Dhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji

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Page 862
________________ 626. . पद्यानि पृशङ्काः / पद्यानि पृछाङ्काः ___ ओ.... कपोलकण्डूः करिभिर्विनेतुं . 605 ओरत्तपङ्कअमुहिं | कपोलपुलकेनास्या . 394 ओसुअइ दिण्णपडिवक्ख 594 | केपोले जानक्याः करि- .. 682 कपोले पत्राली करवल 736 कःखगौघडचिच्छौजा कमलकरा रम्भोरु : 4.1 कअलीगब्भसरिच्छे ऊरू कैमलदलैरधरैरिव . . . . 415 कइआ गओ पिओ अजपुत्ति 643 कमलमनम्भसि कमले. 464,723, कंचुकं कंचुकं मुञ्च 257 | कमलमिव चारु बदनं . 405 कडुए धूमंधारे . कमलावलिहारिविकासविशेष 282 कणइल्लिचिअ जाणह 182 कमले. इव लोचने इमे 106 कण्ठस्य तस्याः स्तन कम्पन्ते कपयो भृशं . बन्धुरस्य 346,612 कम्बलिवालिए कंत्ति कुडम्मल- 692 कैण्ठेकालः, करस्थेन 324 / करस्पर्शारम्भात्पुलाकेत 641. कैण्णुजुआ वराई | करासज वशे शंखगौरवस्य 281 कत्तो संपडह महपि | करिकवलनशिष्टैः शाखि - 159 कथमपि न निषिद्धो . करिमरिअआलगजिर 581 कथापि खलु पापानां करेण ते रणेष्वन्तकरण 205 कँदा नौ संगमो भावी . . 379 करेणुः प्रस्थितोऽनेको 214 कनककलशखच्छे राधापयो •करोति किं किरातोऽयं 250 201 कन्यारत्नमयोनिजन्म | कर्कन्धूफलमुच्चिनोति 374 कपाटविस्तीर्णमनोरमोरः कपाले मार्जारी पय इति 366 1. कुमार० 1.9 2. म० ना० 3. | ५०.३.रुद्रटकाव्यालं०८-३१. 4. रुद्र. 1. कुमार० 1.42. 2. काव्याद० | टकाव्यालं० 8.6. 5. पूर्वार्धम्. वामन१.१२ 3. गा० स० 4:52. 4. वेणी० 3-35: 5. शिशु० 2.40. 6. का- काव्यालं० 2.2-8. 6. लक्ष्मीधरस्य व्याद० 2-261. 7. महावी० 1.30 शा० 50 312. परं 'वेपन्ते' इत्यादि. 8. शिभुपा० 3.13. 9. सुभाषिता-७. गा० स० 1.55. 8. काव्याद० वलौ भासस्य. / 3.26. 9. काव्याद० 3.11...' 2 स० क.. 741 170 364,577 करोति सहकारस्य

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