Book Title: Santukumar Chariya
Author(s): H C Bhayani, Madhusudan Modi
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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पुब्ब-भव-वेरिणा कुद्धेणं वेयड्ड-बासि-जक्खे णं । असियक्ख-नामगेणं उम्मूलिय-तरुयर-ग्गामो ।। ६० : गुरु-सक्कर-मंसल-धूलि-पडल-वहलिय-नहंगणाभोगो। अंधीकय-सयल-जणो मुक्को विउब्बिय समीरो ॥ ६१ तत्तो वि मुक्क-अट्ट-हास-सद्दा विरूव-रूव-धरा । परिमुक्का वेयाली करयल-कय-कत्तिया भोमा ।। ६२ . अह जाव अनिल-वेयालेहिं तह तह. उवद्दविज्जतो । कुमरो निमेस-मित्सं पि न खुहइ ताव जक्खेण ।। ६३ पुक्कारव-भरिय-दियंतराण अलि-गवल-नील-कायाण । नागाणं पासे हिं बद्धो जीयंत-हेऊहिं ।।
६४ अह तोडिएसु हेलाए च्चिय कुमरेण नाग-पासेसु । लग्गोऽसियक्ख-जक्खो मुट्ठि-पहारेहिं जुज्झेउं ॥ ६५ ता वज्ज-दारुणाए मुट्ठीए तहा हओ स कुमरेण । निल्लालियग्गजीहो जह पडिओ धरणि-वलयम्मि ।। ६६ अह कह-वि लद्ध-चेयन्नेणं जक्खेण तेण सामरिसं । मुक्को सुदूरमुक्खि[वि]उण गिरी कुमर-उवरिम्मि।। ६७ ता कुमरो गिरि-भारक्कंतो गुरु-पीड-विहुरिय-सरीरो। पडिओ न मिओ उण निरुवक्कम-आउस्सरूवत्ता ॥ ६८ अह हओ एसो सत्तू भए त्ति भणिरेण । ... जक्खेणं उग्धुट्ठो जय-जय-सद्दो स-पक्खम्मि ॥ ६६ ... सोउं च इममउव्वं वयणं. सहसत्ति चेयणं लद्ध।. . रे रे कडपूयण जक्ख-अहम कस्सेस जय-सद्दो ॥ १००. ..
... ६३.४. कित्तिया. ९६.३. निल्लासियं. ६७.३. सिद्दरं..

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