Book Title: Santukumar Chariya
Author(s): H C Bhayani, Madhusudan Modi
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 194
________________ मा उज्झसु मा उज्झसु पहु पहु पसिऊणमिणमसरणं । २६२ I इय विलवंतो छम्मास-माण-कालं परिव्भमिरो ॥ २६०. पट्ठि अ-परिमुयंतो सणकुमारस्स भयवओ थक्को । राय - रिसिणा वि निय माहप्प - विणिज्जिय- तिहुयणेण ॥ सीहावलोइयं पिहु पुत्रोइय वत्थु - सत्थ-विसयम्मि न निहित्तं ता भोग-हलिय- कम्मंसस्स पज्जते ।। सव्वो विहु पुब्वोइय-पयत्थ- सत्यो छम्मास-कालंते । निय निय-ठाणम्मि गओ भयवंतस्स उ स कम्म-वसा ॥ छट्ट-तवो-कम्मंते गोयर- चरियाए परियडंतस्स । एगल्ल-विहारं २९४ पडवन्नस्स महाणुहावस्स ॥ छेलिय- तक्क - विमिस्सं सत्त इमे अइ- दुसहा १५८ 1 चीणय-कूरं पभुंजमाणस्स, गायंका समभूया ॥ तंजा कंड्य भत्त-सद्धा तिव्वा वियणा य अच्छि कुछ कासं जरं च सासं सणकुमारोहियासतो ॥ # २९३. .. २६५ २६७ कालं गमेइ एत्तो य तियसवइणा सहाए वज्जरियं । जह भो तियसा चरियं पेच्छह सणकुमारस्स ॥ २६८. भुवण-व्वाहि-हराहिं आमोसहि-पमुह-पवर-लद्धीहि । - उप्पन्नाहि वि नीसेस वाहि- विहुरिय- सरीरो वि॥ न कुणइ सक्कार-रवं ( ? ) पंडिउवयारं पि न पयट्टेइ । निय-दुक्कयाई अहियासितो चिट्ठइ भवुव्विग्गो ॥ न य तीरइ तियसासुर-पहूहिं न वि चालिउँ सज्झाणाउ । सोऊणमिणमसद्दहमाणं तं चिय.. तियस-जुयलं ॥ सणकुमारमा सज्ज । आगंतु विज्ज-विहिणा जंपेड़ भयवं रोगोवसमं करेमि जइ तमणुजाणेसि ॥ २६. १. भुवणु २६६ २६६ : - ३०० ३०१ .३०२.

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