Book Title: Santukumar Chariya
Author(s): H C Bhayani, Madhusudan Modi
Publisher: L D Indology Ahmedabad
View full book text
________________
१४५
एत्थंतरम्मि • तत्थाग एण आगंतु नहयलेणं सणकुमारो ता हाहारद-मुहरिय- दियंतरा सोय-विहुरिय-सरीरा । मुच्छा - निमीलियच्छी पडिया सा धरणि-वलयम्मि || १३७
तेणेव 1
हढा हरिओ ॥ १३६
कुमरो वि अवहरतं महीए हढा
पाडेउ
खयराहमण
खयर- कुमाराहमं तयं सहसा । मुट्ठि - प्पहारेण ॥ मुट्ठि- पहारेण ॥ १३८
हणिउं
आगंतुमक्खय- सरीरो
तीए
॥ १४२
पुरओ ससंक- वयणाए कहिऊण स- वृत्तंतं तं वीवाइ साओ ( ? ) सुनंद-नामा होही कुमरस्स एतोय कुमर- निहणिय खयर- कुमारस्स संज्ञावलि त्ति नामा पत्ता पुरओ गंधव्व- विवाहेण य परिणीया सा एत्थंतरम्मि पत्ता नहयल- मग्गेण दो पुरओ सणकुमारस्स विन्नवेंति जहा देव असण वेगाभिहाण खयराहिवो वहु-वलोहो । विन्नाय तणय-वह-वृत्तं तो वि फुरिय-गुरु-कोवो ॥ तुम्हाणमुवरि आगच्छंतो चिट्ठइ इमं तु नाऊण । खयर-हूहिं सिरि-चंड वेग - सिरि- भाणुवेगेहिं ॥ हरिचंद- चंदसेणाभिहाणया नियय-अंगरुहा तुह पय- सेवाएं पेसविया इमिणा रहेण एत्थंतरम्मि सिरि-चंड वेग - सिरि-भाणु वेग-खर्यारिंदा | पत्ता साहज्ज-क्रए सणकुमारस्स कुमरस्स ॥ पण्णत्ती- विज्जा उणं दिण्णा संझावलीए एत्तो य । पत्तो खर्यारिंदो ( ? ) वल- परिकलिओ असणिवेगो ॥ १४७
१४३
१४४
1
समं ॥ १४५
१४०.१. सनंद. १४१.४. तत्थेवि. १४३.२. वृत्ततो.
1
तत्थेव ॥ १३६
१४०
इत्थि - रयणं ति । लहु भइणी ॥ सणकुमारस्स । वि तत्थेव ॥ १४९
खयर - कुमरा । य पणमिऊणं
१४६

Page Navigation
1 ... 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197