Book Title: Sanskrit Sopanam Part 04
Author(s): Surendra Gambhir
Publisher: Pitambar Publishing Company

View full book text
Previous | Next

Page 68
________________ बालः नुपः अनेनैव तावत् क्रीडिष्यामि (तापसी दृष्ट्वा हसति) स्पृहयामि खलु दुर्ललिताय अस्मै ? तापसी (नृपं दृष्ट्वा) भद्रमुख, आगच्छ, मोचय च एनं शवकम् । एष बालः मां तु न गणयति ! दार तय (बालमुपगम्य) भोः महर्षि-पुत्रक ! मा एवं कुरु ! भद्रमुख ! नायं ऋषि-कुमारकः । सत्यम्, अस्य आकारः चेष्टितमपि चैवं कथयति । तदा कोऽस्य व्यपदेशः ? तापसी (सात पुरुवंशीयः क्षत्रियः ! - कालिदास-कृत-शकुन्तलात् तापसी शब्दार्थाः (mischievous) शाही (to yawn) ॥ (to count) w97) (female ascetic)hi ॥ = शरारती = जम्भाई लेना गिनना तपस्विनी = ढीठ तंग करना प्रेमयक्त करना = शेरनी हमला करना | दुर्दलित जृम्भ गण् तापसी अविनीत पीड़ स्नेहय केसरिणी 1 लघ् (लंघय्) पुत्रकः सस्मितम् अधरः वत्सः || || || (obstinate) (to tease) (to make one affectionate) (lioness) (to attack) (son) H1Bsbian (with a smile) (lower lip) (endearing child) (toy) (mere, only) (to stop) (my) (cottage) (clay) (peacock) (to bring) क्रीडनकम् || || %3D मुस्कुराहट के साथ = ओंठ (नीचे का) = प्रिय बालक खिलौना केवल रोकना मेरा कुटिया मिट्टी || मात्र वि+रमय मदीय उटज मृत्तिका मयूरकः उप+ह || || || || || remo लाना Emoitous 63

Loading...

Page Navigation
1 ... 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130