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अभ्युत्थानम् = उत्थान
(uplift) अधर्मः = अधर्म
(non-righteousness) सृज् RAc = पैदा करना
(to create) नया रूप (New Noun)—आत्मन् (पृष्ठ 88) नए धातु (New Roots)-व्रज्, छिद्, क्लेदय, शोषय, सृज् नए उपसर्ग-युक्त धातु (New Prefixed Roots)—परित्यज्, सम्+भू नए विशेषण (New Adjectives) भोक्ता
भोक्त्री
भोक्तृ
धुवः
धुवा
ध्रुवम्
विशेषः (i) 'युष्मद्' शब्द के द्वितीया विभक्ति एकवचन में दो रूप बनते हैं (Two forms of
युष्मद् in second vibhakti singular-त्वाम्, त्वा) (ii) जिसकी शरण में जाएँ, उसके वाचक शब्द में द्वितीया और 'शरण' शब्द में भी
Facitat farsfee (Words for 'refuge' and 'the one whose refuse is
sought'-both take second vibhakti) (iii) सम+भ के दो अर्थ (सम्+भू has two meanings)-सम्भव होना, जन्म लेना।
अभ्यासः
पाठगतम्
श्रीकृष्ण और अर्जुन क्रमशः बुद्धि और बल के प्रतीक हैं । जहाँ बुद्धि और शारीरिक बल दोनों विद्यमान हों, वहाँ विजय निश्चित है। इसी भाव की व्याख्या कीजिए (Lord Krishna and Arjuna are symbols of intellect and physical strength respectively. Where both are present victory is certain.
Elaborate this idea). काय पहले श्लोक में किसकी उपमा किससे दी गई है? (What is the simile in the
first verse Who is being compared with whom ?) भाषा व्याकरणं च- -
3. संस्कृत-पर्याय दीजिए (Give Sanskrit equivalents)आत्मा का, आत्माओं में, आत्मा से,
आत्माओं का, हे आत्मा, din आत्मा के द्वारा, आत्मा के लिए
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