Book Title: Samaysara Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 114
________________ 69 दोण्ह (दो) 612 वि वि (4) ही गयाण (गय) 6/2 भरिणद (भरिणद) 2/1 जागदि (जाण) व 3/1 मक गवरि (म)= केवल तु (म)=तो समयपरिवद्धो [ (समय)-(पडिवद्ध) भूकृ I/! अनि ] रण (म)== नही दु (अ)=पाद-पूर्ति पयपक्वं [ (राय)(पक्ख) 2/1 ] गिण्हदि (गिण्ह) व 2/1 सक किंचि (प्र)= थोडी वि (प)= भी रायपक्खपरिहोणो [ (एय)-(पक्ख) (परिहीण) भूक 1/1 अनि ] 70 सम्मइसणणाण [ (सम्महसण)-(णाण) 2/1 एसो (एत) 1/1 सवि लहदि (लह) व 3/1 सक त्ति (अ)=इस प्रकार गवरि (प्र) केवल ववदेस (ववदेस) 2/1 सम्वरणयपक्खरहिदो [ (सन्च)(एय)-(पक्ख)-(रह) भूकृ 1/1] भरिणदो (भण) भूकृ 1/1 जो (ज) 1/I सवि सो (त) 1/1 सवि समयसारो (समयसार) 1/1 71 कम्ममसुह [ (कम्म) + (मसुह) ] कम्म (कम्म) 1/1 असुह (असुह) 1/1 वि कुसोल (कुसील) 1/1 वि सुहकम्म [ (सुह) -(कम्म) 1/1 चावि (अ) और जारणह (जाण) विधि 2/2 सक सुसील (सुसील) 1/1 वि किह (प्र) कैसे त (त) 1/1 सवि होदि (हो) व 3/1 अक ज (ज) 1/1 सवि ससार (ससार) 2/1 पवेसेवि (पवेस) व 3/1 सक 72 सोवणिय (सोवण्णिय) 1/1 वि पि (म)=भी रिणयल (रिणयल) 1/1 बदि (वध) व 3/1 सक कालायस [ (काल)+(प्रायस)] [ (काल)-(प्रायस) 1/1 वि ] पि (म)=और जह (म)=जैसे पुरिस (पुरिस) 1/1 एव (भ) वैसे ही जीव (जीव) 2|| सुहमसुह [ (सुह) + (मसुह) ] सुह (सुह) 1/1 वि असुह (प्रसुह) 1/1 वि वा कद (कद) भूक 1/1 अनि कम्म (कम्म) 1/1 78 ] समयसार

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