Book Title: Samaysara Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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107 मज्झ (अम्ह) 6/1 म परिग्गहो (परिगह) 1/1 जदि (प्र) =
यदि तदो (अ)=नत्र प्रहमजीवद [ (ग्रह)+(प्रजीवद)] ग्रह (अम्ह) 1/1 म अजीवद (अजीवदा) 211 तु (म)=ही गच्छेज्ज (गच्छ) भवि 1/1 सक णादेव [ (णादा) + (एव) ] णादा (रणादु) 1/1 वि एव (अ)=ही जम्हा (प्र)= कि तम्हा (अ) - इसलिए ण (प्र) =नही परिग्गहो (परिगह)1/1 मज्झ (मम्ह)
6/1 स
108 छिज्जदु (छिज्जदु) विधिकर्म 3/1 मक अनि वा (अ) अथवा
भिज्जद् (भिज्जदु) विधिकम 3/1 सक अनि णिज्जदु (रिणज्जदु) विधिकम 3/1 सक अनि अहव (अ)==या जादु (जा) विधि 3/1 सक विप्पलय (विप्पलय) 1/1 जम्हा तम्हा (प्र)= किसी कारण से गच्छदु (गच्छ) विधि 3/1 सक तहावि (अ)=तो भी ण (म)
=नही परिगहो (परिग्गह) 1/1 मज्झ (अम्ह) 6/1 स 109 अपरिग्गहो (अपरिग्गह) 1/1 वि अणिच्छो (परिणय) 1/1 वि
भणिदो (भण) भूकृ 1/1 गाणी (पाणि) 1/1 वि य (प्र)-भी णेच्छदे [ (ण)+ (इच्छदे) ] ण (प्र)=नही इच्छदे (इच्छ) व 3/1 सक धम्म (धम्म) 2/1 अपरिगहो (अपरिग्गह) 1/1 वि दु (अ)=तो धम्मस्स (धम्म) 6/1 जाणगो (जाणग) 1/1 वि तेण (प्र)-इसलिए सो (त) 1/1 सवि होदि (हो) व 3/1
प्रक
110 प्रधम्म(अधम्म) 2/1 अघमस्स(अधम)611 बाकी के लिए देखें 109
-
111 एमादिए [ (एम)+ (आदिए) ] एम (म)- इस प्रकार आदिए
(मादिय) 1/1दु (अ)=पादपूरक विविहे (विविह) 2/2 वि 1 विप्रलय ( विप्पलय) सर्वनाश ( भाप्टे संस्कृत-हिन्दी कोश )। 88 ]
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