Book Title: Samaysara Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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अक तस्स (त) 6/1 स कम्मस्स (कम्म) 6/1 गाणिस्स (णारिण) 6/1 वि दु (अ)=पाद-पूर्ति सारणमग्रो (णाणमन) 1/1 वि अण्णाणमनो (प्रणाणमन) 1/1 वि अगाणिस्स (अगाणि) 6/1 वि
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अण्णाणमत्रो (अण्णाणमप्र) 1/1 वि भावो (भाव) 11 प्रणारिणणो (अणारिण) 6/1 वि कुरणदि (कुण) व 3/1 मक तेरण (अ)=इमलिए कम्माणि (कम्म) 2/2 गाणमनो (णाणमप्र) 1/1 वि रणारिणस्स (गाणि) 6/1 वि दु (अ)=परन्तु (अ) =नही तम्हा (अ)= इसलिए दु (अ)=पाद-पूर्ति कम्माणि (कम्म) 2/2
णाणमया (णाणमय) 5/1 वि भावादो (भाव) 5/1 गारणमनो (णाणमय) 1/1 वि चेव (अ) ही जायदे (जाय) व 3/1 मक भावो (भाव) 111 जम्हा (अ)=चूकि तम्हा (म)=इसलिए गाणिस्स (पाणि) 6/1 सव्वे (मव्व) 1/2 भावा (भाव) 1/2 हु (अ)=ही पारगमया (णारगमय) 1/2 अण्णाणमया (अण्णाणमय) 5/1 भावा (भाव) 5/1 अण्णायो (अण्णाण) 1/1 चेव (प्र)=ही जायदे (जाय) व 3/1 अक भावो (भाव) 1/1 जम्हा (अ)= कि तम्हा (अ)=इसलिए भावा (भाव) 1/2 अण्णाणमया (अण्णाणमय) 1/2 प्रणारिणस्स (प्रणारिण) 6/1
65 कणयमया (कणयमय) 5/1 वि भावादो (भाव) 511 जायते
(जाय) व 3/2 अक कुडलादयो [ (कु डल) + (प्रादयो) ]
[ (कु डल)-(आदि) 1/2 ] भावा (भाव) 112 अयमयया 1 [जा+ (य)] जा' में 'य' विकल्प से जोडा गया है।
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समयसार

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