Book Title: Rajasthani Hastlikhit Granthsuchi Part 02
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 16
________________ राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान- राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थ सूची, भाग-२ ] कर्ता प्रादि ज्ञातव्य विशेष उल्लेखनीय लिपिसमय क्रमाङ्क ग्रन्थनाम | प्रथाङ्क पत्रसख्या ७७६०८(४) | कयवन्ना चौपई जयरग १८९८ लि क-रूपचद । लि स्था-रतलाम। लि क-प्यारचद। ३७ ७५ १९२८ २०वीं १८७४ १७६० सामलदास ८६७६ १००५५ कयवन्नाजीरी चौपई ८०५. कर्मनी बात १८१५ कर्मविपाक ८८४३ करगडु चोपई १०१८६(४)| करणनु पाख्यान १००५१ | करमसज्झाय २२ प्रथम पत्र प्राप्त। लि क-प्राणविजय । मतिशेषर १७वी १८५० १८८५ १० ७८-११३ (१३३-१३४ ८४ माधोदास ८५ ८६ ८७४७(४) | करुणाबत्तीसी १०५६० (१)| कल्पवृक्षवानरी विगत ७९१६ | कल्पसूत्र सटबार्थ ८८ ६६७६ | कल्पसूत्र टबार्थ कल्पसूत्रभाषा १०५१० कल्पसूत्रभाषा ६७८३ | कल्पसूत्रभाषावृत्ति १०० १२४ १६वीं २०-२३ १,२ १७७९ लि क-लखाजी। लि स्था-गवा। १८वीं १६ १८८३ लि क-हर्षचद। १७वी १८१७ २५० पत्र स १-५ अप्राप्त । लि क हससुन्दर । लि स्था बेगम बाजार मसाया तटे। १६५३ । ६-२३ | लि क हीरा साध्वी। लक्ष्मीवल्लभ ७८६१ | कल्याणमन्विरस्तोत्र बालावबोध | कुमुवचंद्राचार्य, अपर नाम सिद्धसेनाचार्य

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