Book Title: Rajasthani Hastlikhit Granthsuchi Part 02
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 31
________________ राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान-राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थसूची, भाग [ २१ विशेष उल्लेखनीय क्रमाङ्क | ग्रन्थाक ग्रन्यनाम कर्ता आदि ज्ञातव्य तिपिगमय पत्रसख्या १८६८ २२ । प्रथम पत्र प्राप्त । १३२-१६५/ चित्र स १८ । लि क मालीदेवी। १-२५ लि क रूपचद। ३३४ भत हरि ३३५ १८२४ १७६६ १६वी १७६५ १८वीं । १८८५ कल्याणसागर | ८४०६ नासिकेतकया ३३२ | १४२० (२) , ,, सचित्र ९८४७ | १८२६ (१) नीतिशतक सटबार्थ १०६७५(६) नीसाणी प्रावि ८५६२(१४) नीसारणी भागरी ३३७ ८४२२(३३) नेमजीतवन ३३८ १००५१ . नेमजीरो तवन ३३६ १००५१ । नेमजीरो बारामास्यो (१८) ८४२६ (१५) नेमिजिनगीत ३४१ ८४०० (२१) नेमिनाथगीत ३४२ ८४००(२६) , ३४३ ___९६२२ नेमिनाथस्तव ३४४ १०१८० नेमिनाथस्तवन (५८) ३४५ १००४९ नेमिरास नेमीश्वरराजमतीरास १३६-१३६ १०५-१०६ १४०-१४२ १४२-१४४ ३४० । २०वीं १९वीं | ५८-६१ |६२-६३ ६७-६६ अजीतसागर लि. क भगवान चला। १७७६ १६वीं १७६ १५४३ प्रथम पत्र प्राप्त । लि स्था विक्रमपुर। ३४७ ६६४८ ८८२५ प्रकृतिनो विचार | प्रत्येकबुद्वचौपई ३४८ १८४७ १८०० समयसुन्दर प्रथम पत्र प्राप्त। लिक विनयराज मुनि शिष्य सकलहर्ष पठनार्थ।

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