Book Title: Rajasthani Hastlikhit Granthsuchi Part 02
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान-राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थसूची, भाग-२ ]
| कर्ता आदि ज्ञातव्य
क्रमाक
ग्रन्थाक
ग्रन्थनाम
लिपिसमय | पत्रसख्या ।
विशेष उल्लेखनीय
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१६१४ १६वी
५८५ / ६७०० | विचारस्तवबालाधबोध ५८६ ८१५० | विद्याविलास ५८७
विनति पत्रिका, सचित्र ५८८ ८४२२(३५) विमलसाहरो सिलोको
प्रथम और २६वा पत्र प्राप्त ।
खरडा। १०८-११३ लि क. अमरसागर ।
१७७२
विनय[विनीत] विमल (गभीरसागर शिष्य)
५८६
|६४६१ | विमलाचलतीर्थ प्रारती
१६३१
लि क व्यास मगूमल । लि स्था बीकानेर।
विवेकविलास ८६५५ | विवेकषिलास सबालावबोध
१८३१ १८४६
१-२१
६२
५६१
जिनदत्त सूरि
लि क हेमसागर मुनि। लि स्था कच्छबदर।
१८१२ १८वीं
प्रथम पत्र प्राप्त ।
५९२ १०२४८(८) विषयत्याग गीत
| ६६७४ | विषहरण ५९४
| ९२५७ (२) विषापहारस्तोत्र भाषा ५६५ । ८५६६ विज्ञप्ति पत्र, सचित्र
१९वी
खरडा लेख भाग १४॥ फीट, चित्र भाग ६॥ फीट । सोजत जैन संघ द्वारा पाटनस्थ विजय जिनेन्द्रसूरिके प्रति । खरडा। लेख भाग १० फीट, चित्र भाग २१ फीट। मेडता जैनसघ द्वारा राधनपुरस्थ विजयजिनेन्द्र सूरिके प्रति ।
८५७०
१८६१
"
देवचद
८१५७ । वीरनिर्वाणस्तवन ५९८६७२० (११) वीरमदेरी बात
१८वीं १ ची
६१-१४२

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