Book Title: Rajasthani Hastlikhit Granthsuchi Part 02
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ [ ३७ राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान-राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थसूची, भाग-२ ] | कर्ता आदि ज्ञातव्य क्रमाक ग्रन्थाक ग्रन्थनाम लिपिसमय | पत्रसख्या । विशेष उल्लेखनीय -- --- ---- १६१४ १६वी ५८५ / ६७०० | विचारस्तवबालाधबोध ५८६ ८१५० | विद्याविलास ५८७ विनति पत्रिका, सचित्र ५८८ ८४२२(३५) विमलसाहरो सिलोको प्रथम और २६वा पत्र प्राप्त । खरडा। १०८-११३ लि क. अमरसागर । १७७२ विनय[विनीत] विमल (गभीरसागर शिष्य) ५८६ |६४६१ | विमलाचलतीर्थ प्रारती १६३१ लि क व्यास मगूमल । लि स्था बीकानेर। विवेकविलास ८६५५ | विवेकषिलास सबालावबोध १८३१ १८४६ १-२१ ६२ ५६१ जिनदत्त सूरि लि क हेमसागर मुनि। लि स्था कच्छबदर। १८१२ १८वीं प्रथम पत्र प्राप्त । ५९२ १०२४८(८) विषयत्याग गीत | ६६७४ | विषहरण ५९४ | ९२५७ (२) विषापहारस्तोत्र भाषा ५६५ । ८५६६ विज्ञप्ति पत्र, सचित्र १९वी खरडा लेख भाग १४॥ फीट, चित्र भाग ६॥ फीट । सोजत जैन संघ द्वारा पाटनस्थ विजय जिनेन्द्रसूरिके प्रति । खरडा। लेख भाग १० फीट, चित्र भाग २१ फीट। मेडता जैनसघ द्वारा राधनपुरस्थ विजयजिनेन्द्र सूरिके प्रति । ८५७० १८६१ " देवचद ८१५७ । वीरनिर्वाणस्तवन ५९८६७२० (११) वीरमदेरी बात १८वीं १ ची ६१-१४२

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74