Book Title: Rajasthani Hastlikhit Granthsuchi Part 02
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान-राजस्थानी हस्तलिखित ग्रन्थसूची, भाग-२ )
। १३
क्रमाक
ग्रन्थाक
ग्रन्थनाम
कर्ता प्रादि ज्ञातव्य
पिसमय
पत्रसस्या
विशेष उल्लेखनीय
७१-७२
प्रथम पत्र प्राप्त ।
१९८ १६६
८५६२ (५) | जसोर्तासह झाला मालजीरो गीत | भीमजी प्राढा ८२८६ जाम्बवतीचौपई
सूरसागर १०१८० जिनगीत
(४०) ६५.२ | जिनरस
१८वी १९वीं
१०६, ११०
२००
१८७५
लि क -प्रखंचदऋषि । लि स्थास्यजैहनाबाद (शाहजहानाबाद)।
१७६८
१८वी
अपूर्ण ।
६५२२ (५) | जिनराजचैत्यवदन । ६५७३ जिनरामायण ८४००(३२) जिनस्तवन ८४२२(१७) | " " । १०२४८
२०२ २०३ २०४ २०५
पशिचद
१९वी १८वीं
१३४ ७३-७५ ७९-८० १२६-१३०
कनककीर्ति
२०६ २०७
८४००(२७) | जिनस्तुति | १०१८० | जिनस्तुति और गौडीपाश्वनाथस्तवन
१९वीं
६९-७० १०५-१०६
| ३२-३३
२०८ २०६ २१०
९८६१ (८) जिनस्तोत्र ____८०४६ | जिनसूक्तीमाला | १०२४८ | जिसलमेरमडण पार्श्वनाथस्तवन
(१२)
८४२२ | जीवकायासज्झाय ८४०३ (२) । जीवविचारप्रकरण
२०वीं १८वी १८१२
| ६८-७०
२११
१८वों २०वीं
९७-९८ | २१-५१
२१२
सबालावबोध।

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